नई दिल्ली
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने हाल ही में संसद परिसर में हुए हंगामे, धक्कामुक्की के संदर्भ में कई अहम बातें कही हैं। उपराष्ट्रपति ने संसद में धक्कामुक्की की घटना पर परोक्ष रूप से दुख व्यक्ति किया। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के खिलाफ अमित शाह की ‘अपमानजनक’ टिप्पणी को लेकर संसद के बाहर सांसदों के बीच झड़प हुई थी। इसके कुछ दिनों बाद, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज इस बात पर जोर दिया कि सभी पार्टी के सांसदों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। धनखड़ दिल्ली में चौधरी चरण सिंह पुरस्कार 2024 के विजेताओं से बातचीत कर रहे थे।
‘अव्यवस्था को व्यवस्था’ के रूप ले रहे लोग
उन्होंने कहा कि लोगों ने ‘अव्यवस्था को व्यवस्था’ के रूप में लेना सीख लिया है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने पहले कभी ऐसा दृश्य नहीं देखा है। धनखड़ने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी लोकतंत्र की सफलता के लिए अभिव्यक्ति और संवाद दोनों पक्षों को बड़ी जिम्मेदारी के साथ-साथ चलना चाहिए।
सांसदों को जवाबदेह बनाने का समय
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि अब समय आ गया है कि हर विचारशील भारतीय गहराई से चिंतन करे और दायित्व निभाने वालों को जवाबदेह बनाए- खास तौर पर सांसदों को। हमारी आजादी और भारतीय संविधान को अपनाने की सदी के आखिरी चौथाई हिस्से में मैंने जिस तरह का नजारा देखा, वह चिंता का विषय होना चाहिए। कोई बदलाव की भावना ही नहीं है।
बीजेपी-कांग्रेस आपस में भिड़े
कांग्रेस और भाजपा दोनों ने आरोप लगाया है कि विपक्षी पार्टी के विधायकों के गुरुवार सुबह संसद भवन में प्रवेश करने पर विपक्षी पार्टी के सदस्यों ने उनके सांसदों पर हमला किया और उन्हें धक्का दिया। कांग्रेस शाह की ‘अंबेडकर का नाम लेना एक फैशन बन गया है’ टिप्पणी के खिलाफ विरोध कर रही थी। दूसरी तरफ, वहीं भाजपा ने संविधान निर्माता के साथ इस पुरानी पार्टी द्वारा किए गए कथित ऐतिहासिक अन्याय को उजागर करते हुए जवाबी विरोध प्रदर्शन आयोजित किया।