नई दिल्ली,
इजरायली डिफेंस फोर्सेस (IDF) ने 16 दिसंबर 2024 को सीरिया के तारतस में मौजूद हथियार डिपो पर एयरस्ट्राइक की थी. इस स्ट्राइक में उसने डिपो में रखी स्कड मिसाइल की फैसिलिटी को तबाह कर दिया था. लेकिन धमाका बेहद खतरनाक था. कई किलोमीटर ऊंचाई तक आसमान में आग का गोला और धुएं का मशरूम बना था.
इस विस्फोट के बाद 3 तीव्रता का भूकंप भी आया. ये भूकंप 820 किलोमीटर दूर तुर्की के इजनिक तक महसूस किया गया था. रूसी मीडिया संस्थान स्पुतनिक ने तब कहा था कि इजरायल ने जंगी जहाज से किसी नई मिसाइल के जरिए टारगेट किया है. लेकिन कुछ लोंगों का मानना था कि यहां पर अमेरिका द्वारा डेवलप B61 न्यूक्लियर बम का इस्तेमाल किया गया है. जो कम ताकत का परमाणु बम है.
अब खबर ये आ रही है कि यूरोपियन यूनियन के रेडियोएक्टिव इनवायरमेंटल मॉनिटरिंग ने तुर्की और साइप्रस में ब्लास्ट के 20 घंटे बाद रेडिएशन की मात्रा बढ़ी हुई है. क्योंकि तारतस से जो हवा पश्चिम की तरफ जा रही है, उसके साथ रेडिएशन भी साइप्रस और दक्षिणी तुर्की तक पहुंच रहा है.
तो क्या इजरायल के पास न्यूक्लियर वेपन है?
इजरायल दुनिया के 9 परमाणु हथियार संपन्न देशों में से एक है. इसके पास कितने परमाणु हथियार हैं, इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है. लेकिन अंदाजा लगाया जाता है कि कम से कम 90 और अधिकतम 400. इजरायल इन परमाणु हथियारों को अपने फाइटर जेट्स, डॉल्फिन क्लास सबमरीन में लगी क्रूज मिसाइलों या फिर जेरिको सीरीज की मिसाइलों से किसी भी टारगेट पर हमला कर सकता है
इजरायल ने कभी ये नहीं बताया कि उसके पास परमाणु हथियार हैं. न ही कभी इससे मना किया है. लेकिन वो हमेशा से ये जरूर कहता आया है कि वो पहले परमाणु हथियार का इस्तेमाल नहीं करेगा. इस बात की आधिकारिक पुष्टि कहीं नहीं मिलती की इजरायल के पास कितने परमाणु हथियार हैं. लेकिन कहा जाता है कि 1991 में 50 से लेकर 200 हथियार थे. जो अब बढ़कर 300 या उससे ज्यादा है. टारगेट तेहरान है.
सूटकेस न्यूक्लियर बम से बड़े हथियार तक…
अमेरिकन इन्वेस्टिगेटिंग रिपोर्टर सीमोर हर्श ने एक बार लिखा था कि इजरायल ने 1973 तक सूटकेस परमाणु बम बना लिया था. यानी इतना छोटा वॉरहेड जो एक ब्रीफकेस में लेकर चला जा सके. खैर इस बात की कोई पुष्टि नहीं हुई है. लेकिन इसके अलावा 175 मिलिमीटर से लेकर 203 मिलिमीटर तक के सेल्फ-प्रोपेल्ड आर्टिलरी न्यूक्लियर गोले भी इजरायल के पास हैं. यानी तोप से परमाणु बम दागे जा सकते हैं. 40 से 72 km तक की रेंज है इनकी.
इजरायल न्यूक्लियर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स के जरिए भी हमला कर सकता है. इसकी ताकत भी है इजरायल के पास. इसके अलावा कहा जाता है कि इजरायल के पास अंसख्य न्यूट्रॉन बम हैं. यानी जिनका रेडिएशन स्तर बहुत ही ज्यादा है. ये बहुत ज्यादा दूर तक असर करते हैं. इसके अलावा न्यूक्लियर लैंड माइंस भी डेवलप कर लिया है.