नई दिल्ली
गोल्ड लोन लेने वालों की संख्या जितनी तेजी से बढ़ रही है, उतनी ही तेजी से इसे न चुकाने वालों की संख्या भी बढ़ रही है। इस कारण गोल्ड लोन देने वाली कंपनियां गिरवी रखे सोने की नीलामी कर रही हैं यानी उसे बेच रही हैं। मौजूदा वित्तीय वर्ष की सितंबर तिमाही में गोल्ड नीलामी की रकम पिछली तिमाही के मुकाबले काफी ज्यादा बढ़ गई है।
इस साल जुलाई में बजट में सोने पर कस्टम ड्यूटी को घटाकर 6 फीसदी कर दिया था। इससे सोने की कीमत में काफी गिरावट आ गई थी। इससे गिरवी रखे सोने की वैल्यू भी काफी कम हो गई थी। मीडिया में ऐसी रिपोर्ट्स भी आई थीं कि काफी लोगों के गिरवी रखे सोने की वैल्यू लोन की रकम और उसकी ब्याज से भी कम हो गई है। ऐसे में गोल्ड लोन देने वाली कंपनियों को काफी परेशानी हो गई थी।
रिजर्व बैंक ने दिखाई सख्ती
जुलाई के बाद से लेकर अब सोने की कीमत में तेजी आई है। ऐसे में कंपनियां नहीं चाहती कि अब उनके लोन की कीमत गिरवी रखे सोने की कीमत से ज्यादा हो जाए। वहीं दूसरी ओर रिजर्व बैंक ने भी सख्ती दिखाई है। ऐसे में कंपनियां उन लोगों के सोने को बेच रही हैं जो लोन की रकम नहीं चुका पा रहे हैं। इन कंपनियों में मुथूट फाइनेंस, मणप्पुरम फाइनेंस आदि कंपनियां शामिल हैं।
बढ़ गई नीलामी की रकम
मौजूदा वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में कंपनियों ने पिछली तिमाही (अप्रैल-जून) के मुकाबले ज्यादा मात्रा में गिरवी रखे सोने की नीलामी की है। इस नीलामी से रकम तीन गुना बढ़ गई है। इससे पता चलता है कि कंपनियां गिरवी रखे गोल्ड को बेचने की कितनी जल्दी दिखा रही हैं।
किसने कितना सोना नीलाम किया?
मुथूट फाइनेंस
जुलाई-सितंबर: गिरवी रखा 250 करोड़ रुपये का सोना नीलाम किया
अप्रैल-जून: गिरवी रखा 69 करोड़ रुपये का सोना नीलाम किया था
मणप्पुरम फाइनेंस
जुलाई-सितंबर: गिरवी रखा 360 करोड़ रुपये का सोना नीलाम किया
कंपनियां कब करती हैं नीलामी?
जब भी कोई शख्स गोल्ड लोन लेता है तो उसे कर्ज चुकाने के लिए एक तय समय दिया जाता है। उस तय समय तक लोन की रकम चुकाकर गोल्ड को वापस ले लिया जाता है। कई बार गोल्ड लोन लेने वाला शख्स लोन को रिन्यू भी करवा लेता है, लेकिन वह कंपनी के संपर्क में रहता है।
वहीं दूसरी ओर काफी लोग ऐसे भी होते हैं जो निर्धारित समय में गोल्ड लोन की रकम चुका नहीं पाते हैं। साथ ही वे कंपनी से भी कोई संपर्क नहीं रखते। ऐसे में कंपनी उस सोने को लोन की समयसीमा समाप्त होने के बाद नीलाम कर देती हैं। हालांकि नीलामी से पहले कंपनियां ग्राहक को नोटिस जारी करती हैं।