नई दिल्ली,
देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत के प्रख्यात अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार देर रात निधन हो गया. उन्होंने 92 साल की उम्र में आखिरी सांस ली. मनमोहन सिंह के निधन की जानकारी सलमान खुर्शीद ने X पर पोस्ट करके दी. देर शाम तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें एम्स के इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया गया था. डॉ. मनमोहन सिंह के नाम कई उपलब्धियां हैं. आर्थिक उदारीकरण में उनका विशेष योगदान रहा.
डॉ. मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री के रूप में कार्य करते हुए साल 1991 में शुरू किए गए आर्थिक उदारीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इसमें सरकारी नियंत्रण को कम करना, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को बढ़ाना और स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स को लागू करना शामिल था, जिसने भारत की अर्थव्यवस्था को वैश्विक बाजारों के लिए खोल दिया था.
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (नरेगा)
2005 में शुरू किए गए इस अधिनियम ने प्रत्येक ग्रामीण परिवार को 100 दिन के वेतन रोजगार की गारंटी दी, जिससे लाखों लोगों की आजीविका में उल्लेखनीय सुधार हुआ और ग्रामीण बुनियादी ढांचे में वृद्धि हुई.
सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI)
2005 में पारित आरटीआई ने नागरिकों को सार्वजनिक प्राधिकरणों से जानकारी मांगने का अधिकार दिया, जिससे शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा मिला.