– बरखेड़ा रामलीला मैदान में चल रही श्रीमद्भागवत कथा
भेल भोपाल।
भेल क्षेत्र के बरखेड़ा रामलीला में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथाकार एवं समाज सुधारक आचार्य मनोज अवस्थी ने कहा कि व्यक्ति को मौन रहना चाहिए। मौन रहने से जीवन में कलह नहीं होगा। मनुष्य आज माया में लिप्त हो गया है और उसे छोड़ नहीं पाता है।
आचार्य मनोज अवस्थी महाराज ने अनुशुईया चरित्र की कथा को सुनाते हुए बताया कि पतिव्रता नारी में इतनी समर्थ होती है कि वो ब्रम्हा विष्णु महेश को बालक बना सकती है क्योंकि भारत की नहीं सभय्ता और संस्कार को जन्म देती है और भारत की नारी सदा से ही पूज्यनीय रही है और रहेगी। आगे सती चरित्र की कथा सुनाते हुए कहा कि कभी किसी के यहाँ बिना बुलाये नहीं जाना चाहिए और कहा कि बेटी अपने पिता से बहुत प्रेम करती है और पिता अपनी बेटी को बहुत प्रेम करता है और कहा कि बेटी बड़े भाग्य से किसी के यहाँ जन्म लेती है। उसकी तो पूजा करनी चाहिए और कन्या भ्रूणहत्या के ऊपर जोर देते हुए कहा कि ये महापाप है और कहा कि पिता की क्षमता को और माता की ममता को कभी मापा नहीं जा सकता माता पिता का आदर करना चाहिए आगे ध्रुव चरित्र की कथा को सुनाते हुए कहा कि गुरु ही परमात्मा से मिलता है। ध्रुव जी को नारद जी जैसे गुरु मिले और उन्होंने भगवान् से मिलवाया, वे धर्म के ऊपर श्रद्धा होनी चाहिए धर्म में दिखावे का कोई स्थान नहीं होता। इस मौके पर कथा के आयोजक श्रमश्री सेवा संस्था के रामबाबू शर्मा, महेश मालवीय, विष्णु राने, रेखा पटेल, अवधेश पटेल, ख़ुश्बू सिंह, सुनील गंगवानी आदि मौजूद रहे।