लखनऊ
राजधानी लखनऊ के इंदिरानगर के मानस एन्क्लेव शुभ कांप्लेक्स के पास रविवार को करीब एक घंटे तक चले बवाल के दौरान असमियों ने लाठी डंडों और तलवार से नगर निगम टीम पर हमला किया। सूचना मिलते ही तुरंत नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह, अपर नगर आयुक्त ललित कुमार, पंकज श्रीवास्तव, जोनल अधिकारी सात आकाश कुमार समेत पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। पुलिस को देखते ही हमलावार भागने लगे, लेकिन पुलिस ने हमला करने वालों में से कुछ को पकड़ लिया। इसके बाद मौके पर मेयर सुषमा खर्कवाल पहुंचीं। उन्होंने घटना की निंदा की और अवैध बस्ती को हटाने के लिए कहा, जिसके बाद झोपड़ पट्टी को बुलडोजर से तोड़ दिया गया।
जमीन मालिक के खिलाफ भी कार्रवाई होगी
घटना से नाराज महापौर सुषमा खर्कवाल ने पुलिस अधिकारियों को भी खरी-खोटी सुनाई। मेयर ने घटना की जानकारी देने के लिए पुलिस कमिश्नर को फोन किया तो रिसीव नहीं हुआ। इस पर डीएम को फोन कर घटना की जानकारी दी। घटनास्थल पर मौजूद पुलिस के अधिकारियों से नाराजगी जताते हुए महापौर ने कहा कि ये बांग्लादेशी हैं, जिन्होंने उनकी महिला अधिकारी पर हमला किया है, जब तक बस्ती नहीं उजाड़ी जाती है, वह मौके से नहीं हटेंगी। इस तरह से हमले होंगे तो उनका मेयर पद पर रहना बेकार है। मेयर ने कहा कि डंडे के साथ ही तलवार से भी हमला किया गया है। 50 मीटर पर इंदिरानगर थाना है, लेकिन अवैध तरह से बस्ती चल रही है। मेयर ने कहा कि यहां तमाम तरह के अवैध काम हो रहे हैं और पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है। उन्होंने कहा कि जमीन मालिक के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
हर झोपड़ी से पांच सौ रुपये किराया वसूला जाता है
जिस जमीन पर झुग्गी-झोपड़ी बसी हुई थी, वह जमीन चांद बाबू की है। चांद बाबू हर झोपड़ी से 500 रुपये किराया वसूल करता है। करीब यहां पर 100 झोपड़ियां मिली हैं, जिनमें बिजली-पानी कनेक्शन तक मिले हैं। शहर में ऐसी कई बस्तियां बसी हुई हैं। जहां ज्यादातर रहने वाली बांग्लादेशी कबाड़ और कूड़ा बीनने का काम करते हैं। कुछ साल पहले जानकीपुरम में इसी तरह बस्तियों में रहने वालों ने टीम पर तलवार से हमला कर दिया था।