आरा:
अब इसे भाजपा की चुनावी रणनीत कहें या फिर सफलता के पर थामे लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान की लंबी उड़ान का असर। कहा जा रहा है कि बढ़ती महत्वकांक्षा के साथ इधर-उधर ताका झांकी कर रहे चिराग पासवान के पर कतरने की ताक में भाजपा कब से लगी थी। लोजपा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष हुलास पांडे के यहां ईडी की छापेमारी तो ट्रेलर है। अभी पूरी फिल्म तो बाकी है। सवाल यह उठता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हनुमान चिराग पासवान के पर कतरने की बारी ही क्यों आई? जानते है यह रहस्य…
नीतीश और चिराग की नजदीकियां
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि इधर खुद को पीएम मोदी का हनुमान बताने वाले चिराग पासवान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफी नजदीक आ गए हैं। जदयू के 12 और लोजपा के पांच सांसद मिलकर 17 सांसदों की पटरी पर कोई खेला खड़ा करना चाहते हैं। चर्चा यह है कि भाजपा से बात नहीं बनी तो माइनस राजद और भाजपा को छोड़ अन्य तमाम दलों को एक साथ लाकर आगामी विधान सभा चुनाव लड़ा जाए। ऐसे में वाम दल, लोजपा (आर), राष्ट्रीय लोजपा, बसपा, राष्ट्रीय लोक मोर्चा, हम सब एक प्लेटफॉर्म पर आकर चुनौती पेश करेंगे।
50 सीटों पर लड़ने का दावा
लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने आगामी विधान सभा चुनाव के लिए 50 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा क्या कर दी, यह भाजपा के आंख में चुभने लगी। चिराग पासवान अपने इस दावे को 2024 लोकसभा के चुनाव में 100 फीसदी स्ट्राइक रेट के साथ जोड़ कर देखते हैं।
पशुपति पारस और चिराग एक पटरी पर
चर्चा यह भी है नीतीश कुमार की मंशा है कि राष्ट्रीय लोजपा और लोजपा (आर) एक प्लेटफॉर्म पर आ जाए और बिहार विधान सभा चुनाव एक कंप्लीट ताकत बने। ताकि पासवान वोट में डिविजन न हो। ऐसा इसलिए कि पशुपति पारस ने 243 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की घोषणा कर दी है।
राजद सुप्रीमो से बढ़ती नजदीकियां
एक चर्चा यह भी है कि भविष्य की राजनीति के संकेत बताते हुए राजद सुप्रीमो बिहार के दो युवा राजनीतिज्ञ यानी तेजस्वी यादव और चिराग पासवान को एक पटरी पर लाकर भाजपा नीत एनडीए सरकार का जवाब बनाना चाहते हैं। एक समय था जब लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार युवा राजनीति के चर्चित जोड़े थे।
चिराग की विदेश यात्रा पर भी भाजपा नाराज
इन दिनों चिराग पासवान की विदेश यात्रा पर भी भाजपा की नजर है। खासकर तब जब बिहार विधान सभा चुनाव सामने है। खबर यह है कि चुनाव के पहले चिराग पासवान का अमेरिका जाना भाजपा नेतृत्व के खला है। इसके पहले चिराग पासवान पेरिस और लंदन भी गए थे।