— सुझावों पर विस्तार से की गई चर्चा
नई दिल्ली।
नेशनल फ्रंट ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन ने संसद की स्थायी समिति के समक्ष नए श्रम कोड के कार्यान्वयन पर अपने विचार और अवलोकन प्रस्तुत किए। विशेषज्ञ टीम ने प्रत्येक श्रम कोड का गहराई से विश्लेषण किया और समिति के समक्ष गवाह के रूप में उपस्थिति दर्ज कराई।
इस बैठक में नए श्रम कोड, जिसमें कोड ऑफ वेजेस, कोड ऑफ इंडस्ट्रियल रिलेशंस, सामाजिक सुरक्षा, और व्यावसायिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा से संबंधित सुझावों पर विस्तार से चर्चा की गई। इसके अलावा, उन्होंने भारत के कौशल पारिस्थितिकी तंत्र में विश्वविद्यालयों की भूमिका, देश में चल रहे विभिन्न कौशल विकास कार्यक्रमों की प्रगति, और श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रभावी नीतियों के निर्माण पर भी विचार विमर्श किया।
उक्त स्थाई सांसदीय समिति के अध्यक्ष लोकसभा सांसद बसवराज बोम्मई जो कि कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। उन्होंने सभी सदस्यों को मार्गदर्शन करते हुए श्रम कानूनों के प्रभावी कार्यान्वयन का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि समिति दिये गय सुझावों पर सरकार को नय श्रम कोड को लागू कराने हेतु रिकमेंडेशन देगी।
नेशनल फ्रंट ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन का प्रतिनिधित्व डॉ. विराट जयस्वाल, महासचिव और अधिवक्ता प्रशांत कुमार पाधी, अध्यक्ष ओडिशा राज्य ने किया। उन्होंने श्रमिकों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए सुझाव दिए और उच्च गुणवत्ता वाले रोजगार सृजन के लिए नीति निर्माण में सुधार के लिए आवहान किया।
संगठन द्वारा प्रस्तुत सुझावों का उद्देश्य श्रमिकों के अधिकारों की सुरक्षा श्रमिकों को उनके अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए प्रभावी कानूनी सुरक्षा प्रदान करना। उच्च गुणवत्ता वाले रोजगार का निर्माण रोजगार सृजन में गुणवत्ता सुनिश्चित करना ताकि श्रमिकों को उचित वेतन और काम की परिस्थितियाँ मिलें। कौशल विकास देश में चल रहे कौशल विकास कार्यक्रमों के प्रभाव की पहचान करना और इसमें सुधार के लिए व्यवसायिक संस्थानों, विश्वविद्यालयों और सरकारी विभागों के सहयोग को प्रोत्साहित करना है।