लंबी-लंबी सुरंग, ऊंचे-ऊंचे पुल… कटरा-श्रीनगर रूट होगा बेहद खास, जानें कब से दौड़ेगी वंदे भारत एक्सप्रेस

नई दिल्ली

जम्मू और कश्मीर के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को लेकर अपडेट सामने आए हैं। भारतीय रेलवे जल्द ही जम्मू और कश्मीर के बीच अपनी पहली ट्रेन सेवा शुरू करेगा। रेलवे ने बताया कि 111 किमी लंबे कटरा-बनिहाल सेक्शन का अंतिम मुआयना कर लिया गया है। इस खंड पर ही कटरा और श्रीनगर के बीच वंदे भारत ट्रेन दौड़ेगी। बता दें कि जम्मू-श्रीनगर वंदे भारत एक्सप्रेस इस महीने के अंत में कटरा (जम्मू में) से घाटी के बीच चल सकती है।

कहां-कहां से गुजरेगी यह ट्रेन?
इस ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों को यात्रा का एक अलग ही अनुभव मिलेगा। यह ट्रेन कुल 97 किलोमीटर लंबी कई सुरंगों से गुजरेगी। साथ ही 7 किलोमीटर लंबे 4 मुख्य पुलों को भी कवर करेगी। दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज भी इसी रास्ते पर पड़ता है।

इस समय जम्मू रेलवे स्टेशन पर 8 प्लेटफॉर्म तैयार किए जा रहे हैं। कटरा से श्रीनगर के बीच चलने वाली इस वंदे भारत ट्रेन में अभी 8 कोच होंगे। इस ट्रेन के शुरू होने से जम्मू और श्रीनगर के बीच की दूरी कम हो जाएगी। इस ट्रेन के जरिए जम्मू से श्रीनगर करीब 3 घंटे में पहुंचा जा सकेगा।

सामने आईं कई चुनौतियां
इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में रेलवे को कई कठिन चुनौतियों से गुजरना पड़ा। सबसे कठिन चुनौती चिनाब नदी पर दुनिया के सबसे ऊंचे आर्च ब्रिज को सहारा देने में आई थी। इसे तैयार करने में 30 हजार टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है। दूसरी मुख्य चुनौती अंजी नदी पर भारत का पहला केबल स्टे ब्रिज बनाना था। इस खंड पर दो अन्य पुल रियासी ब्रिज और बक्कल ब्रिज हैं।

ट्रेन में होंगी कई खूबियां
रेलवे ने बताया कि जम्मू-श्रीनगर वंदे भारत ट्रेन में कई खूबियां देखने को मिलेंगी। इसे विशेष रूप से एंटी-फ्रीजिंग फीचर्स के साथ डिजाइन किया गया है। साथ ही यात्रियों को आरामदायक और सुरक्षित यात्रा का अनुभव देने के लिए रेलवे ने इस प्रोजेक्ट में एंटी-वाइब्रेशन भूकंपीय उपकरणों का इस्तेमाल किया है।

सर्दी में होगा गर्मी का अहसास
कश्मीर में चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस देश भर में चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस से अलग है। इसे इस प्रकार से डिजाइन किया गया है ताकि कश्मीर में पड़ने वाली ठंड का यात्रियों को अहसास ही न हो। अगर बाहर तापमान -20 डिग्री है तब भी ट्रेन में बैठे यात्रियों को गर्मी का अहसास होगा। ट्रेन में यात्रियों और ड्राइवरों के लिए हीटिंग सिस्टम लगे हैं।

ड्राइवर के केबिन में विंडशील्ड में ऐसे फीचर दिए गए हैं जिसकी वजह से इस पर कोहरा या बर्फ नहीं जमती। इस कारण ड्राइवर को ट्रेन चलाने में कोई परेशानी नहीं होती। इसके अलावा ट्रेन में पानी को जमने से रोकने के लिए प्लंबिंग और बायो-टॉयलेट में हीटिंग एलीमेंट हैं।

About bheldn

Check Also

तिरुपति मंदिर में हुई भगदड़ से दुखी आंध्र सीएम चंद्रबाबू, अफसरों को मौके पर भेजा, सुबह जाएंगे खुद

तिरुपति: आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में बुधवार शाम भगदड़ मच गई। इस हादसे में …