— प्रदेश 55 जिलों व तहसील स्तर तक शाखाएं व सोशल मीडिया सेल गठित होंगे
भेल भोपाल।
मध्यप्रदेश इंटक के प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक विगत दिवस भोपाल में प्रदेश अध्यक्ष श्यामसुन्दर यादव की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए प्रदेश पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया व अपने विचार रखे। प्रदेश अध्यक्ष श्याम सुन्दर यादव ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि रोजगार का अधिकार, औद्योगिक व सामाजिक सुरक्षा, श्रमिक हितैषी कानूनों की बहाली और किसानों को फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाना इंटक की सार्वोच्च प्राथमिकता है।
इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद डॉ जी. संजीवा रेड्डी की अध्यक्षता में “केन्द्रीय श्रम संगठनों के संयुक्त मोर्चा के माध्यम से यह लडाई पूरे देश में प्रभावी तरीके से लडी जा रही है। मध्यप्रदेश व केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी की सरकार चन्द्र पूँजीपतियों के हित में मजदूर व किसान विरोधी कानून बना रही है। जीएसटी व अन्य टेक्स से आम आदमी की कमाई का 60 प्रतिशत से अधिक हिस्सा सरकार वसूल रही है, गरीब और गरीब हो रहा है वहीं अमीर और अमीर होता जा रहा है। अमीर और गरीब के बीच बढ़ती हुई खाई से देश में वर्ग संघर्ष होना सम्भावित है। हमें गरीब, मजदूर और किसानों की लडाई प्रभावी तरीके से लडने के लिए प्रदेश इंटक के संगठन को जिला व तहसील स्तर तक विस्तारित कर मैदानी व कानूनी लडाई के साथ जनजागृति, सोशल मीडिया व अन्य संचार माध्यमों से जनआन्दोलन खडा करना होगा।
प्रदेश महामंत्री बीडी. गौतम ने बैठक का संचालन किया तथा प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह नाती (ग्वालियर), वरिष्ठ उपाध्यक्षगण केके नेमा (भेल भोपाल), रतिराम यादव (ग्वालियर), शेषमणि पाण्डे (देवास), कोषाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण पाठक (इन्दौर), उपाध्यक्षगण अशोक शर्मा (रेल्वे), अर्जुन लाल निमावत (रतलाम), शंकर सिंह तिवारी (सतना), मंत्रीगण विनोद पाण्डे (जबलपुर), सुशीला यादव (इन्दौर), सत्यनारायण सौलंकी (रतलाम), राम सजीवन शर्मा (बुढार), लालचंद पटेल (नेपानगर), दिलीप परमार (देवास), अशोक गोस्वामी (ग्वालियर), दिवाकर शर्मा (ग्वालियर), शंकर दयाल शर्मा (जबलपुर) ने स्वास्थय व दुर्घटना बीमा, निजीकरण, ठेका प्रथा, मंहगाई, बेरोजगारी, रोजगार का अधिकार, न्यूनतम वेतन पुनरीक्षण, तथा केन्द्र सरकार द्वारा श्रम कानूनों में परिवर्तन और मजदूर व किसान विरोधी निर्णयों, ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस), वरिष्ठ नागरिकों (सीनियर सिटीजन) की बन्द की गई सुविधाओं की बहाली व सामाजिक सुरक्षा देने आदि विषयों पर विचार रखे।