जोहांसबर्ग
दक्षिण अफ्रीका में एक अवैध सोने की खदान में कार्रवाई के दौरान हैरान करने वाली चीजें सामने आई हैं। सोमवार को जब खदान में फंसे लोगों को बचाने के लिए अभियान शुरू हुआ तो वहां के हालात देखकर अधिकारी और बचाव दल हैरान रह गया। खदान में अवैध रूप से काम पर लगाए लोग वहां महीनों से जमीन के अंदर रह रहे थे। एक वीडियो में शवों को अस्थायी बॉडी बैग में लपेटा दिखाया गया है।
खनन स्थल से कुछ और वीडियो सामने आए हैं, जिनमें कुछ खनिक बेहद कमजोर हालत में दिखाई दे रहे हैं, जो अभी भी जिंदा हैं। दरअसल, पिछले साल दक्षिण अफ्रीका में पुलिस ने अवैध खनन के खिलाफ देश व्यापी अभियान शुरू किया था, जिसके बाद से इन सभी ने भूमिगत शरण ले रखी थी।
At least 100 illegal miners die in an abandoned gold mine in South Africa.
According to Sabelo Mnguni, a representative of the United Group Against Illegal Mining, the miners trapped in the mine in North West Province are believed to have died from starvation or dehydration… pic.twitter.com/3LLzCbEchk
— SD (@stringerukraine) January 13, 2025
रोक दी गई थी भोजन और पानी की सप्लाई
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने पिछले साल भोजन, पानी और दवाइयों की आपूर्ति यह कहते हुए रोक दी थी कि खनिक जानबूझकर और बिना मंजूरी के शाफ्ट में घुसे हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि जोहांसबर्ग से लगभग 145 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित खदान में कार्रवाई शुरू होने के बाद 100 से अधिक अवैध खनिक जमीन के अंदर मारे गए हैं। अधिकारियों ने अभी तक इस आंकड़े की पुष्टि नहीं की है।
वीडियो में दिखी खनन के अंदर की भयावहता
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, वीडियो को एक ट्रेड यूनियन जनरल इंडस्ट्रीज वर्कर्स ऑफ साउथ अफ्रीका ने जारी किया है। वीडियों में दर्जनों पुरुष एक गंदे फर्श पर बैठे हैं। उनके चेहरे ब्लर कर दिए गए हैं। इसमें एक आदमी को कहते सुना जा सकता है कि ‘हम आपको उन लोगों के शव दिखाने जा रहे हैं, जो जमीन के अंदर मर गए।… क्या आप देख रहे हैं कि लोग कैसे संघर्ष कर रहे हैं। कृपया हमें मदद कीजिए।’
भूख से मारे गए लोग
एक अन्य वीडियो में एक आदमी को कहते सुना जा सकता है, ‘ये भूख है। लोग भूख के चलते मर रहे हैं।’ फिर वह बताता है कि 96 लोग मर चुके हैं और मदद की अपील करता है। यूनियन का दावा है कि ये वीडियो शनिवार को शूट किए गए थे। यूनियन ने सोमवार को एक प्रेस ब्रीफिंग में इसे भयावह बताते हुए नरसंहार कहा और अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया।