केसी दुबे, भोपाल
महारत्न कंपनी भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड भेल भोपाल यूनिट के कारखाने में कॉपर चोरी की घटनाएं आम हो गई हैं। कई बार कॉपर चोरी की घटनाएं हुईं, लेकिन प्रबंधन इसे रोकने में कामयाब नहीं हो पाया। चर्चा है कि हाल ही में कारखाने के ब्लॉक नंबर—9 से करीब 20—25 क्विंटल कॉपर चोरी हो गया, लेकिन प्रबंधन इस ब्लॉक के स्टोर के कर्मचारियों से नोटिस देकर सिर्फ जवाब तलब में लगा है। आखिर कॉपर चोर कौन है! इसकी तह में जाने की कोशिश कोई नहीं कर रहा है अब कारखाने में यह अटकलें लगने लगी हैं कि कॉपर चोरी भी हुआ है या नहीं या फिर कारखाने में आया ही नहीं। इसको लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। प्रबंधन है कि तह तक जाने की कोशिश करने में लगा है। यदि इस तरह की घटनाएं आम कर्मचारियों के लिए चर्चा का केंद्र बिंदु बन गई हैं तो प्रबंधन को इसकी निष्पक्ष जांच कराना चाहिए। इसके पहले भी भेल के एक अधिकारी कॉपर चोरी करते पकड़े गए थे, लेकिन प्रबंधन ने उन्हें बजाए सजा देने के दूसरी यूनिट में भेज दिया। मामले को कुछ तरह बना दिया कि आम कर्मचारी भी इस तरह की चोरी करने का सोचने लगे कि प्रबंधन का साथ लो और कॉपर चोरी का काम करो। भेल के मुखिया को इस मामले में निष्पक्ष जांच करानी होगी कि कॉपर ब्लॉक नंबर—9 के स्टोर से चोरी हुआ है या पिफर कागजों में खरीदी दिखाई गई है। यह भी चर्चा है कि सीआईएसएफ के सख्त पहरे के बावजूद कॉपर को आसमान खा गया या जमीन।