बच्चों के लिए मूलभूत शिक्षा के साथ स्केलेबल मॉडल बहुत आवश्यक है: राज्यमंत्री श्रीमती गौर

भोपाल :

विमुक्त, घुमन्तु और अर्ध-घुमन्तु कल्याण विभाग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा गौर ने कहा कि, दूरदराज के स्थान और कमजोर उपेक्षित समुदायों के बच्चों के लिए मूलभूत शिक्षा के साथ-साथ स्केलेबल मॉडल शिक्षा भी बहुत जरूरी है, ताकि देश का भविष्य सशक्तिकरण के साथ आगे बढ़ सके। यह बात राज्यमंत्री श्रीमती गौर ने मंत्रालय में विभाग के संचालक नीरज वशिष्ठ के साथ विभागीय बैठक के दौरान कही। बैठक में संचालक श्री नीरज वशिष्ठ की मौजूदगी में एक सामाजिक संस्था के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए।

यह संस्था विभाग के छात्रावासों में बच्चों को आधुनिक तरीके से शिक्षा प्रदान करेगी। इसके तहत कमजोर व उपेक्षित समुदाय के पहली से पांचवी कक्षा तक के बच्चों को स्केलेबल एवं मूलभूत साक्षरता प्रदान की जाएगी। यह संस्था विभाग के छात्रावास में पांचवी कक्षा तक के नामांकित बच्चों को डिजिटल टैबलेट के द्वारा शिक्षा प्रदान करेगी। यह संस्था छात्रावास के नजदीकी इलाके से एक महिला को भार्ती कर उसे प्रशिक्षित करेगी, ताकि वह टैबलेट का उपयोग कर मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता से संबंधित शिक्षा प्रदान कर सके।

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