बांका
बांका जिले में गरीब परिवारों की आर्थिक स्थिति सुधारने और उन्हें स्वरोजगार से जोड़ने के लिए बकरी पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस योजना के तहत, पशुपालन विभाग जरूरतमंद परिवारों को अनुदानित दर पर बकरियां उपलब्ध करा रहा है। हालांकि, इस सुविधा का लाभ वही परिवार उठा सकते हैं, जिनका नाम बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) सूची में दर्ज है।
बकरी पालन में कितना मिलेगा अनुदान?
योजना के अनुसार, सामान्य वर्ग के बीपीएल परिवारों को लगभग 12,000 रुपये तक का अनुदान मिलेगा, जिससे वे तीन बकरियां खरीद सकते हैं। वहीं, अनुसूचित जाति और जनजाति (एससी-एसटी) के लाभुकों को 13,500 रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा। इस साल जिले में 21 सामान्य वर्ग के बीपीएल लाभुकों और 107 एससी-एसटी लाभुकों को इस योजना का लाभ दिया जाएगा।
योजना का कैसे मिलेगा लाभ?
समेकित बकरी और भेड़ विकास योजना के तहत बीपीएल परिवारों को उन्नत नस्ल की तीन बकरियां प्रदान की जाएंगी। योजना में तीन बकरियों को एक इकाई माना गया है, और हर परिवार को एक इकाई का ही लाभ मिलेगा। पशुपालन विभाग ने प्रति इकाई लागत 15,000 रुपये तय की है।
इसमें सामान्य वर्ग के परिवारों को इकाई लागत पर 80% और एससी-एसटी परिवारों को 90% अनुदान दिया जा रहा है। पशुपालन विभाग की डॉ. शिप्रा नायक ने बताया कि ब्लैक बंगाल नस्ल की बकरियों का वितरण किया जाएगा, क्योंकि यह नस्ल जिले के जलवायु और परिस्थितियों के लिए सबसे उपयुक्त है।
जिले में बकरियों की स्थिति
2017 की पशु गणना के अनुसार, बांका जिले में बकरियों की संख्या सबसे अधिक है। यहां लगभग 4.38 लाख बकरियां पाई जाती हैं, जिनमें से अधिकतर ब्लैक बंगाल नस्ल की हैं। भेड़ों की संख्या अपेक्षाकृत कम, लगभग 9,000 है।
स्वावलंबन की ओर कदम
यह योजना गरीब परिवारों के लिए आत्मनिर्भर बनने का अवसर प्रदान करती है। बकरी पालन से न केवल उनकी आय में वृद्धि होगी, बल्कि वे अपनी आजीविका को स्थिर और सशक्त बना सकेंगे।