इजरायल का युद्धविराम शर्तों के तहत लेबनान से सेना बुलाने से इनकार, हिजबुल्लाह भड़का, फिर बढ़ेगा तनाव?

तेल अवीव

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है उनकी सेना लेबनान से 60 दिन में पूरी तरह वापसी नहीं करेगी, जो युद्धविराम की शर्तों के तहत तय समयसीमा है। नेतन्याहू का दावा है कि लेबनान की ओर से भी युद्धविराम की तय शर्तों को पूरी तरह से लागू नहीं किया है। उन्होंने ये भी कहा कि समझौते की शर्तें इस समझ के साथ लिखी गई थीं कि वापसी की प्रक्रिया 60 दिनों से ज्यादा चल सकती है। आईडीएफ की वापसी प्रक्रिया के साथ ही लेबनानी सेना की दक्षिणी लेबनान में तैनाती और हिजबुल्लाह के लिटानी से हटने जैसे शर्तं डील में हैं।

इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच हुए युद्धविराम समझौते की समय सीमा रविवार, 26 जनवरी को खत्म हो रही है। दोनों पक्षों में अभी भी तनाव बना हुआ है। इजरायल का कहना है कि समझौते की शर्तों को पूरी तरह से लागू नहीं किया जा रहा है। वहीं हिजबुल्लाह का कहना है कि इजरायली सेना को रविवार तक दक्षिणी लेबनान से पूरी तरह से हट जाना चाहिए।

फ्रांस और अमेरिका ने कराया था समझौता
लेबनानी गुट हिजबुल्लाह और इजरायल के बीच युद्धविराम समझौता अमेरिका और फ्रांस की मध्यस्थता से हुआ था। इस डील के तहत इजरायली सेना दक्षिणी लेबनान से वापस जाएगी, हिजबुल्लाह भी अपने लड़ाकों को उस इलाके से हटाएगा और लेबनानी सेना वहां तैनात होगी। यह सब 60 दिनों के भीतर यानी 26 जनवरी तक होना था।

इजरायल के सरकारी प्रवक्ता डेविड मेन्सर ने कहा है कि लेबनानी सेना और संयुक्त राष्ट्र के सैनिकों ने हिजबुल्लाह की जगह ले ली है लेकिन यह प्रक्रिया जितनी तेजी से होनी चाहिए थी, उतनी तेजी से नहीं हो रही है। अभी बहुत काम बाकी है और इजरायल चाहता है कि समझौता जारी रहे। मेन्सर ने ये नहीं बताया कि इजरायल ने समझौते की समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया है या नहीं।

हिजबुल्लाह ने जताई नाराजगी
हिजबुल्लाह ने एक बयान में कहा, ‘ऐसी खबरें आ रही हैं कि इजरायल अपनी सेना की वापसी 60 दिनों की अवधि से आगे बढ़ाएगा। ये समझौते का उल्लंघन है, इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। लेबनान की राजनीतिक शक्तियों को समझौते के प्रायोजकों पर दबाव डालना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि इजरायल समझौते के हिसाब से चले और लोग जल्दी से अपने गांवों को लौट सकें।’

लेबनान के एक वरिष्ठ राजनीतिक सूत्र ने कहा कि राष्ट्रपति जोसेफ औन ने अमेरिकी और फ्रांसीसी अधिकारियों से संपर्क कर आग्रह किया है कि वे इजरायल पर समय सीमा के भीतर अपनी सेना वापस बुलाने का दबाव डालें। लेबनान सरकार ने अमेरिकी मध्यस्थों से कहा है कि अगर इजरायल अपनी सेना वापस नहीं बुलाता है तो लेबनानी सेना की तैनाती मुश्किल हो सकती है। इससे लेबनान में बने सकारात्मक माहौल के लिए एक झटका होगा।

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