मुंबई:
महाराष्ट्र में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों के प्रति प्रदेश सरकार के रुख में कोई नरमी नहीं आई है। ऐसा दावा गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने किया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की नीति बांग्लादेशियों (देश में अवैध रूप से रहने वाले) को कतई बर्दाश्त नहीं करने की है। जब हम उन्हें जन्म प्रमाण पत्र देते हैं, तो हम नागरिकता का आधिकारिक प्रमाण देते हैं। तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने मंगलवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में एक घोटाले के तहत अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों और रोहिंग्याओं को फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं।
नासिक में दो अधिकारी निलंबित
नासिक जिले के मालेगांव तहसील में जन्म प्रमाण पत्र जारी करने में कथित अनियमितताओं के लिए राजस्व विभाग के दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया। हालांकि आदेश में निलंबन के कारणों के बारे में विस्तार से नहीं बताया गया है लेकिन बीजेपी नेता नेता किरीट सोमैया ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि अधिकारियों ने बांग्लादेशी रोहिंग्या लोगों को 3,977 जन्म प्रमाण पत्र जारी किए थे, जिन्होंने जाली दस्तावेज जमा किए थे। मैं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के फैसले का स्वागत करता हूं। जब गृह राज्य मंत्री कदम से दो अधिकारियों के निलंबन के बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह बहुत ही गंभीर मुद्दा है, जिसके कारण निलंबन (आदेश) किया गया। मुझे कोई ज्ञापन नहीं मिला है। लेकिन मैं उनकी मांगों पर चर्चा करूंगा और फिर इसका समाधान ढूंढूंगा।
किरीट सोमैया का सनसनीखेज दावा
सोमैया ने कहा कि घोटाले के तहत फर्जी जन्म प्रमाण पत्र, राशन कार्ड और स्कूल प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं। पिछले छह महीने से अधिक समय में 2.14 लाख बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं ने महाराष्ट्र में जन्म प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया है। पत्रकारों से बात करते हुए आरोप लगाया कि कुल मिलाकर इन विदेशी नागरिकों को संदिग्ध परिस्थितियों में 1.13 लाख जन्म प्रमाण पत्र जारी किए गए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने इन फर्जी प्रमाण पत्रों को जारी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं। सोमैया ने दावा किया कि जालना जिले की भोकरदन तहसील में सबसे अधिक आवेदन मिले और जिले में कुल 7,957 फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जारी किए गए।