बीजिंग:
चीन गुपचुप तरीके से परमाणु हथियारों की नई डिजाइन पर काम कर रहा है। इसका खुलासा चीन के नए न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्टर की तस्वीरों से हुआ है। नया रिएक्टर चीन के दक्षिण-पश्चिमी शहर मियांयांग में स्थित है। चीन के पास पहले से ही दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा परमाणु हथियारों का जखीरा है। इसके अलावा उसके पास परमाणु बमों को हवा, जमीन और समुद्र से दागने की क्षमता भी मौजूद है। चीन के पड़ोसी देशों में भारत और रूस को छोड़कर किसी के पास परमाणु बम नहीं है। ऐसे में परमाणु बमों की नई डिजाइन पर उसकी रिसर्च दुनिया की टेंशन बढ़ा सकती है।
दो विश्लेषणात्मक संगठनों के विशेषज्ञों का कहना है कि चीन दक्षिण-पश्चिमी शहर मियांयांग में एक विशाल लेजर-इग्नाइटेड फ्यूजन रिसर्च सेंटर का निर्माण कर रहा है। यह एक ऐसा डेवलपमेंट है जो परमाणु हथियारों के डिजाइन और बिजली उत्पादन की खोज में सहायता कर सकता है। सैटेलाइट तस्वीरों में रिसर्च सेंटर की चार बाहरी “भुजाएं” दिखाई देती हैं, जिनमें लेजर बे और एक सेंट्रल एक्सपेरिमेंटल बे होगा। इस सेंट्रल एक्सपेरिमेंटल बेमें हाइड्रोजन आइसोटोप युक्त एक टारगेटिंग चेंबर होगा, जहां शक्तिशाली लेजर आपस में मिलकर ऊर्जा उत्पन्न करेंगे।
अमेरिकी परमाणु फैसिलिटी की कॉपी
यह उत्तरी कैलिफोर्निया में $3.5 बिलियन की लागत वाली यू.एस. नेशनल इग्निशन फैसिलिटी (NIF) के समान लेआउट है, जिसने 2022 में में पंप किए गए लेजर की तुलना में संलयन प्रतिक्रिया (न्यूक्लियर फ्यूजन) से अधिक ऊर्जा उत्पन्न की। जेम्स मार्टिन सेंटर फॉर नॉनप्रोलिफरेशन स्टडीज (CNS) के विश्लेषकों के साथ काम कर रहे एवेलेथ का अनुमान है कि चीनी फैसिलिटी में एक्सपेरिमेंटल बे NIF में मौजूद बे से लगभग 50% बड़ा है, जो वर्तमान में दुनिया का सबसे बड़ा है।
चीन को इस फैसिलिटी से कैसे होगा फायदा
हेनरी एल. स्टिमसन सेंटर के परमाणु नीति विश्लेषक विलियम अल्बर्क ने कहा, “NIF-टाइप की फैसिलिटी वाला कोई भी देश अपने आत्मविश्वास को बढ़ा सकता है और मौजूदा हथियारों के डिजाइन में सुधार कर सकता है। इसके अलावा वह हथियारों का परीक्षण किए बिना भविष्य के बम डिजाइनों के डिजाइन को सुविधाजनक बना सकता है।” चीन के विदेश मंत्रालय ने इस फैसिलिटी से जुड़े सवालों को “सक्षम प्राधिकारी” को भेज दिया। चीन के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने टिप्पणी के अनुरोध का जवाब नहीं दिया।
नवंबर 2020 में, अमेरिकी हथियार नियंत्रण दूत मार्शल बिलिंग्सली ने सैटेलाइट तस्वीरों को जारी किया था, जिसमें उन्होंने कहा कि चीन के परमाणु हथियार समर्थन सुविधाओं का निर्माण दिखाया गया है। इसमें मियांयांग की तस्वीरें शामिल थीं, जिसमें “2010 से नए शोध या उत्पादन क्षेत्र” लेबल वाली भूमि का एक साफ किया गया भूखंड दिखाया गया था। एवेलेथ द्वारा रॉयटर्स के साथ साझा किए गए निर्माण दस्तावेजो के अनुसार, वह भूखंड फ़्यूजन रिसर्च सेंटर का स्थल है, जिसे लेजर फ़्यूजन मेजर डिवाइस प्रयोगशाला कहा जाता है।
परमाणु परीक्षण की जरूरत नहीं
संलयन ईंधन को प्रज्वलित करने से शोधकर्ताओं को यह अध्ययन करने की अनुमति मिलती है कि ऐसी प्रतिक्रियाएं कैसे काम करती हैं और कैसे वे एक दिन ब्रह्मांड के सबसे प्रचुर संसाधन, हाइड्रोजन का उपयोग करके एक स्वच्छ ऊर्जा स्रोत बना सकते हैं। यह उन्हें विस्फोट की बारीकियों की जांच करने में भी सक्षम बनाता है जिसके लिए बाकी देशों को बाहरी वातावरण में परमाणु विस्फोटक परीक्षण की आवश्यकता होगी। तीन और अमेरिका दोनों ने व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि पर हस्ताक्षर किए हैं। इस कारण चीन ऐसे फैसिलिटी में शोध कर विस्फोट की ताकत की जांच कर सकता है।