रायपुर
छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर बीजेपी ने सोमवार को अपना घोषणा पत्र जारी किया। घोषणापत्र का नाम ‘अटल विश्वास पत्र’ रखा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की उपस्थिति में भाजपा कार्यालय में यह घोषणा पत्र जारी किया गया था। भाजपा का यह घोषणा पत्र राज्य के नागरिकों के लिए विभिन्न विकास योजनाओं और वादों को लेकर तैयार किया गया है, लेकिन इसकी घोषणा के बाद से विपक्षी दल कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। पूर्व डेप्युटी सीएम टीएस सिंहदेव ने सवाल किया है आखिर बीजेपी को अपने घोषणा पत्र का नाम क्यों बदलना पड़ा है।
टीएस सिंह देव ने घोषणा पत्र के नाम पर सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर भाजपा को यह नाम बदलने की जरूरत क्यों पड़ी? अब अटल जी के नाम का सहारा क्यों लिया जा रहा है? भाजपा ने पहले कई घोषणापत्र जारी किए, लेकिन, अब वह अटल बिहारी वाजपेयी के नाम का इस्तेमाल कर रहे ही। सिंहदेव ने कहा कि यह भाजपा की राजनीतिक मजबूरी को दर्शाता है।
ईवीएम पर भी उठाए सवाल
इसके अलावा, चुनाव में ईवीएम के इस्तेमाल पर उन्होंने गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि वह ईवीएम के इस्तेमाल के पक्ष में नहीं हैं और इसे लेकर संदेह जताया। उन्होंने कहा कि विश्व के कई विकसित देशों ने ईवीएम का इस्तेमाल बंद कर दिया है, जबकि भारत में लगातार इसका उपयोग हो रहा है। उन्होंने कहा कि मतदान प्रक्रिया में अगर कोई शंका होती है, तो वह चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा कर सकती है। हरियाणा चुनाव के दौरान मैंने सुना है कि कुछ मशीनों की बैटरी 99 प्रतिशत दिखा रही थी, जबकि कुछ की बैटरी केवल 60-70 प्रतिशत दिखा रही थी। यह संदेह पैदा करता है कि वोटिंग के बाद भी इन मशीनों की बैटरी 99 प्रतिशत कैसे हो सकती है। ईवीएम को लेकर इस प्रकार का संदेह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। उन्होंने बैलेट पेपर को ज्यादा विश्वसनीय और बेहतर विकल्प बताया।
कांग्रेस जल्द जारी करेगी अपना घोषणा पत्र
टीएस सिंह देव ने कहा कि कांग्रेस भी जल्द ही अपना घोषणापत्र जारी करेगी, जिसमें पार्टी के विचार और योजनाओं का स्पष्ट उल्लेख होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने घोषणापत्र में झूठे वादे नहीं, बल्कि वास्तविक विकास की बात करेगी।
विधानसभा चुनाव में मोदी की गांरटी था नाम
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अपना घोषणा पत्र जारी किया था। इस घोषणा पत्र का नाम उन्होंने ‘मोदी की गारंटी’ दिया था। वहीं, लोकसभा चुनाव के दौरान भी घोषणा पत्र का नाम मोदी की गारंटी था लेकिन नगरीय निकाय चुनाव में घोषणा पत्र का नाम बदलकर अटल विश्वास पत्र कर दिया गया है।