मुंबई:
अजित पवार की पार्टी एनसीपी के मुख्य प्रवक्ता और पूर्व सांसद आनंद परांजपे ने कहा कि दिल्ली चुनाव में कांग्रेस को सामने हार दिखाई दे रही है इसलिए वह पुरानी बेबुनियाद राग अलाप रही है। हार के कारण खोजने की बजाय दूसरों पर उंगली उठा रही है। शुक्रवार को दिल्ली में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, उद्धव ठाकरे के सांसद संजय राउत और शरद पवार गुट की सांसद सुप्रिया सुले ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें उन्होंने चुनाव आयोग को घेरा और महाराष्ट्र के हालिया विधानसभा चुनाव परिणाम पर उंगली उठाई।
जब कांग्रेस जीतती है तो चुनाव आयोग निष्पक्ष होता है
उनका जवाब देते हुए परांजपे ने कहा कि जब कांग्रेस जीतती है तो चुनाव आयोग निष्पक्ष होता है और जब हारती है तो उसे चुनाव आयोग में खामी नजर आती है। उन्हें कांग्रेस को हार स्वीकार करते हुए उस पर अध्ययन करना चाहिए कि उनके हार का कारण क्या है? दरअसल कांग्रेस सच्चाई स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। दिल्ली में जो प्रेस कांफ्रेंस कर आरोप लगाया उसमें ऐसा भी नया नहीं है।
राहुल के आरोपों पर क्या बोले?
राहुल गांधी के मतदाताओं की संख्या जनसंख्या से अधिक होने के आरोपों पर परांजपे ने कहा कि 2020 में कोविड के कारण जनगणना नहीं हो सकी, जिसके चलते मतदाता आंकड़ों में अंतर हो सकता है। साथ ही, लोकसभा के मुकाबले चुनाव आयोग ने शहरी इलाकों में 25-30 अधिक मतदान केंद्र बनाए थे। इससे मतदाता सूची में वृद्धि होना स्वाभाविक है।
कांग्रेस को याद दिलाया
परांजपे ने कांग्रेस को याद दिलाया कि महाराष्ट्र में लोकसभा चुनावों के बाद उनकी सफलता के बावजूद उन्होंने या उनके किसी सहयोगी दलों ने कभी मतदाता सूची या ईवीएम पर सवाल नहीं उठाए। अब चूंकि विधानसभा में जनता ने उन्हें कहीं का नहीं रखा तो उन्हें चुनाव आयोग में खोट नजर आ रही है। कांग्रेस को इस तरह के नाटक से लोग तंग आ गए हैं।