दिल्ली तो झांकी है! बिहार, बिहार है… लालू के लाल तेजस्वी इतने बेफिक्र क्यों?

पटना

दिल्ली चुनाव नतीजों पर RJD नेता तेजस्वी यादव ने लोकतंत्र की तारीफ करते हुए कहा कि जनता जिसको चुनती है, वही सरकार बनाती है। तेजस्वी को उम्मीद है कि बीजेपी अपने किए वादे पूरे करेगी। उन्होंने कहा कि लगभग 27 साल बाद दिल्ली में बीजेपी की वापसी हुई है। बीजेपी सिर्फ जुमलेबाजी तक ही सीमित न रहे। बिहार चुनाव पर बीजेपी के ‘दिल्ली तो झांकी है, बिहार अभी बाकी है’ वाले बयान पर तेजस्वी ने कहा कि बिहार…बिहार है, समझना जरूरी है।

‘बिहार, बिहार है… हमें यह समझना पड़ेगा’
राष्ट्रीय जनता दल नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की शानदार जीत का बिहार विधासभा चुनाव में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, जहां इस साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में जनता मलिक होती है। भाजपा को लगभग 27 वर्षों के बाद सत्ता हासिल हुई है।

राजद नेता से जब यह पूछा गया कि भाजपा और उसके सहयोगी यह दावा कर रहे हैं कि दिल्ली में मिली जीत का फायदा बिहार विधानसभा चुनाव में मिलेगा। दिल्ली तो झांकी है बिहार अभी बाकी है, इस पर उन्होंने कहा, ‘बिहार, बिहार है… हमें यह समझना पड़ेगा।’ बिहार में पिछले दो विधानसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनता दल सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। बिहार में राजग का नेतृत्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर रहे हैं। नीतीश कुमार 2005 से कुछ समय को छोड़ कर अब तक मुख्यमंत्री पद पर आसीन हैं। नीतीश कुमार ने एक कुछ दिनों के लिए राज्य की बागडोर जीतन राम मांझी को सौंप दिया था। नीतीश कुमार ने इस अवधि में राजद के साथ भी दो बार अल्पकालिक गठबंधन किया था ।

‘चुनावी वादे को पूरा करें, जुमलेबाजी तक सीमित न रहें’
वहीं, तेजस्वी यादव ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उम्मीद है कि पार्टी अपने चुनाव में किए वादों को पूरा करेगी और जुमलेबाजी तक सीमित नहीं रहेगी। दरअसल, बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव रविवार को पटना में पत्रकारों से बात कर रहे थे। उनसे जब दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रचंड जीत से संबंधित प्रश्न किया गया तो उन्होंने कहा, ‘लोकतंत्र की खूबसूरती यही है कि जनता ही मालिक है और वही फैसला करती है। जनता जिसे चाहती है, उसे सत्ता में लाती है। लोकतंत्र में जनता मालिक है। 27 साल बाद भाजपा वहां सरकार बना रही है। उम्मीद है कि पार्टी अपने वादों को पूरा करेगी और जुमलेबाजी तक सीमित नहीं रहेगी।’

भाजपा ने दिल्ली में 27 साल बाद स्पष्ट बहुमत हासिल किया है। दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों में से उन्होंने 48 सीटें जीती हैं, जबकि आम आदमी पार्टी को 22 सीटें मिली हैं। कांग्रेस का खाता नहीं खुला है। इससे पहले भाजपा ने 1993 में 49 सीट जीतकर दो तिहाई बहुमत हासिल किया था, जिसके बाद मदन लाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा और सुषमा स्वराज मुख्यमंत्री बनीं। 1998 के बाद कांग्रेस ने 15 साल तक शासन किया और 2013 से आम आदमी पार्टी ने सरकार बनाई थी। इस चुनाव में भाजपा ने 71 फीसदी स्ट्राइक रेट के साथ 40 सीटें जोड़ी हैं। पार्टी ने 68 सीटों पर चुनाव लड़ा था। दूसरी तरफ, आम आदमी पार्टी को 40 सीटों का नुकसान हुआ, और उनका स्ट्राइक रेट 31 फीसदी रहा।

बिहार विधानसभा के परिणाम का सिग्नल दिल्ली: JDU
जबकि, राज्यसभा सांसद और जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने कहा कि लोकसभा चुनाव परिणाम हो, बिहार की चार विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव का परिणाम या दिल्ली का चुनाव परिणाम हो, यह आने वाले बिहार विधानसभा के परिणाम का सिग्नल है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक बयान का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने खुद कहा है कि नीतीश कुमार के आने के बाद बिहार में परिवर्तन हुआ है। डबल इंजन की सरकार से बिहार में काफी फायदा हुआ है। उन्होंने कहा, ‘पिछले दो बजट से बिहार के ऊपर विशेष ध्यान दिया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार विकास की चिंता कर रहे हैं। कुल मिलाकर बिहार का चुनाव भी एनडीए बहुत बड़े अंतर से जीतने वाला है।’

राजद नेता तेजस्वी यादव के द्वारा दिए गए ‘बिहार को समझने’ वाले बयान पर सांसद संजय झा ने तंज कसते हुए कहा कि 20 साल से तो तेजस्वी यादव समझ रहे हैं। लोकसभा चुनाव में वह नहीं समझे, उपचुनाव में नहीं समझे। हम लोग ऐसी सीट जीते जो 35 साल से राजद के पास थी। उन्होंने कहा कि एनडीए से ज्यादा बिहार को समझ किसको है? बिहार की जनता सब जानती है। इंडिया ब्लॉक से जुड़े एक प्रश्न के उत्तर में जदयू नेता संजय झा ने कहा कि इंडी गठबंधन को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहले ही देख लिया था कि ये लोग परिवार के स्वार्थ के लिए कुछ भी करेंगे। उन्होंने जो निर्णय लिया वह सही था। अब तो तय हो गया कि मुख्यमंत्री का जो जनवरी में फैसला था, वह सही था। आज इंडिया ब्लॉक वाले एक दूसरे को गाली दे रहे हैं। एक दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं। यहां कोई गठबंधन नहीं है, कांग्रेस में कोई दम ही नहीं बचा है।

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