सिर्फ 28103 वोट AAP को और मिल जाते… तो केजरीवाल चौथी बार CM होते, जानिए कैसे?

नई दिल्ली,

आम आदमी पार्टी (AAP) सत्ता से बाहर हो गई. भारतीय जनता पार्टी की करीब ढाई दशक के बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी हुई. दिल्ली में बीजेपी को कुल 48 सीटों पर जीत मिली है, जबकि AAP 22 सीटों पर सिमट गई. आम आदमी पार्टी के लिए ये करारी है. क्योंकि इसी दिल्ली में पार्टी को 2015 में 67 और 2020 में 62 सीटों पर जीत मिली थी.

AAP हार पर मंथन कर रही है. क्या-क्या कारण हो सकते हैं. वैसे पार्टी को 2020 के मुकाबले करीब 10 फीसदी कम वोट मिले, जो कि एक बड़ा कारण है. AAP को चुनाव में 43.57 फीसदी वोट हासिल किए हैं. 2020 में AAP को 53.57 फीसदी वोट मिले थे. वहीं दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 45.56 फीसदी वोट हासिल हुए हैं. बीजेपी की सहयोगी जेडीयू को 1.06 और लोजपा (रामविलास) को 0.53 फीसदी वोट मिले हैं.

इन 14 सीटों पर बदल सकती थी तस्वीर
बीजेपी और AAP के बीच करीब 2 फीसदी वोट का फासला है. जिससे आम आदमी पार्टी 62 सीटों से फिसलकर 22 पर पहुंच गई. किसी भी पार्टी को दिल्ली में सरकार बनाने के लिए 36 सीटों की जरूरत होती है. फिलहाल AAP के पास 22 सीटें हैं, यानी पार्टी अगर 14 और सीटों पर जीत हासिल कर लेती तो, अरविंद केजरीवाल चौथी बार दिल्ली की कुर्सी पर काबिज हो जाते. ये संभव भी था, दिल्ली में अगर इन 14 सीटों पर आम आदमी पार्टी को केवल और 28103 वोट हासिल हो जाते तो AAP की सरकार बन जाती.

विधानसभा       जीते/पार्टी        हारे/पार्टी    मार्जिन वोट
 1. संगमविहार   चंदन कुमार (BJP)   दिनेश मोहनिया (AAP)      344
 2. त्रिलोकपुरी   रविकांत (BJP)   अंजना प्राचा (AAP)      392
 3. तिमारपुर   सूर्य प्रकाश खत्री (BJP)   सुरेंद्र पाल सिंह (AAP)      1168
 4. राजेंद्र नगर   उमंग बजाज (BJP)   दुर्गेश पाठक (AAP)      1231
 5. मेहरौली   गजेंद्र सिंह यादव (BJP)   महेंद्र चौधरी (AAP)      1782
 6.मालवीय नगर   सतीश उपाध्याय (BJP)   सोमनाथ भारती      2131
 7. ग्रेटर कैलाश   शिखा राय   सौरभ भारद्वाज      3188
 8. नई दिल्ली   प्रवेश वर्मा   अरविंद केजरीवाल      4089
 9. शाहदरा    संजय गोयल   जितेंद्र सिंह शंटी      5178
 10. छत्तरपुर   करतार सिंह तंवर   ब्रह्म सिंह तंवर      6239
 11. मंगोलपुरी   राजकुमार चौहान   राकेश जाटव      6255
 12. हरिनगर   श्याम शर्मा   सुरेंद्र कुमार सेठिया      6632
 13. नरेला   राजकरण खत्री   शरद कुमार      8596
 14. पालम   कुलदीप सोलंकी   जोगिंदर सोलंकी      8952
    56,177 वोट

दरअसल, दिल्ली में 14 ऐसी सीटें हैं, जहां BJP ने 344 से लेकर 8952 वोटों से जीत हासिल की है. इन 14 सीटों पर बीजेपी की जीत में कुल 56177 वोटों का योगदान है. लेकिन जीत तो जीत होती है, भले ही एक वोट से क्यों न हो. लेकिन आंकड़ों पर गौर करें तो अगर इनमें से केवल 28103 वोट AAP के पक्ष में चले जाते तो, शायद परिणाम बदल जाते.

आप कह सकते हैं कि इन 14 सीटों पर अगर आम आदमी पार्टी को महज 28103 वोट और मिल जाते तो पार्टी 36 के आंकड़े तक पहुंच जाती, और दिल्ली में केजरीवाल की सरकार बन जाती. आइए उन 14 सीटों पर जीत के मार्जिन को देखते हैं, जहां AAP की थोड़ी और मेहनत बीजेपी की जीत पर पानी फिर सकती थी.

गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी करीब 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापस की है. वहीं कांग्रेस के लिए ये चुनाव भी संकट भरा रहा. कांग्रेस पार्टी लगातार तीसरी बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक भी सीट जीत पाने में नाकाम रही. हालांकि, इस बार पार्टी के वोट फीसदी में मामूली बढ़ोतरी हुई है. कांग्रेस ने इस चुनाव में 6.34 फीसदी वोट हासिल किए हैं. इससे पहले 2020 में पार्टी को महज 4.3 फीसदी वोट मिले थे.

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