इंदौर,
सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर रणवीर इलाहाबादिया के आपत्तिजनक और अश्लील बयान को लेकर इंदौर के तुकोगंज पुलिस स्टेशन में मंगलवार को शिकायत दर्ज कराई गई है. यह बयान उन्होंने कॉमेडियन समय रैना के यूट्यूब शो ‘India’s Got Latent’ में दिया था. तुकोगंज पुलिस स्टेशन के प्रभारी जीतेन्द्र सिंह यादव ने बताया कि फिलहाल FIR दर्ज नहीं की गई है. शिकायत की जांच की जाएगी और उसके बाद उचित कार्रवाई होगी.
कानूनी कार्रवाई की मांग
यह शिकायत स्थानीय वकील अमन मालवीय ने दर्ज कराई है. उनका कहना है कि रणवीर इलाहाबादिया, समय रैना और शो से जुड़े अन्य सेलेब्रिटीज ने अभद्रता की सभी हदें पार कर दी हैं और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग किया है. मालवीय के साथ अन्य वकील भी थाने पहुंचे और रणवीर इलाहाबादिया, समय रैना के खिलाफ कार्रवाई तथा शो पर प्रतिबंध लगाने की मांग की.
रणवीर इलाहाबादिया का विवादित बयान और माफी
31 वर्षीय इलाहाबादिया, ‘BeerBiceps’ नाम से भी मशहूर हैं. उन्होंने हाल ही में माता-पिता और सेक्स पर एक विवादित टिप्पणी की थी. यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल होते ही जबरदस्त विरोध शुरू हो गया. बढ़ते विवाद के बाद, इलाहाबादिया ने माफी मांगते हुए कहा कि यह उनकी ‘गलत निर्णय की गलती’ थी और उन्होंने शो निर्माताओं से विवादित हिस्सा हटाने के लिए कहा है.
असम पुलिस ने भी दर्ज किया केस
इससे पहले, असम पुलिस ने रणवीर इलाहाबादिया और चार अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था. अब देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है और क्या शो पर कोई प्रतिबंध लगेगा.
महिला एवं बाल विकास मंत्री का बयान
रणवीर इलाहाबादिया की और से माता-पिता और सेक्स पर दिए गए आपत्तिजनक बयान को लेकर मचे बवाल के बीच महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा है कि वह इस मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) से रिपोर्ट मांगेगी. इससे पहले, राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर OTT प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया पर बढ़ती अश्लील सामग्री पर तुरंत सख्त कदम उठाने की मांग की थी. आयोग ने कहा कि इस तरह की सामग्री समाज, खासकर महिलाओं और बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव डालती है.
NCW ने अपने पत्र में बताया कि इस तरह की सामग्री ‘महिलाओं का अश्लील चित्रण (निषेध) अधिनियम’, ‘भारतीय न्याय संहिता (BNS)’, ‘पॉक्सो अधिनियम’ और ‘आईटी अधिनियम’ सहित कई कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन करती है. आयोग ने कहा कि इस तरह की सामग्री महिलाओं की गरिमा और सुरक्षा को खतरे में डालती है और इसे तुरंत रोका जाना चाहिए