नई दिल्ली,
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में फ्रांस में आयोजित शिखर सम्मेलन में भारत में अगले AI एक्शन शिखर सम्मेलन की मेजबानी का प्रस्ताव दिया और इसके साथ ही अगला एआई समिट भारत में होने जा रहा है. यह प्रस्ताव उन्होंने उस कार्यक्रम के समापन में अपने सम्बोधन के दौरान पेश किया था जिसकी उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ सह-अध्यक्षता की.
भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के सचिव एस कृष्णन ने समिट के बाद मीडिया से बातचीत में इस बात की पुष्टि की. प्लेनरी सत्र को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दुनिया अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के युग में प्रवेश कर रही है और इस दिशा में नैतिक, समावेशी, और पीपुल-सेंटर्ड AI एप्लिकेशंस की जरूरतों पर जोर दिया.
पीएम मोदी एआई समिट में क्या बोले?
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में भारत की AI अपनाने में बढ़ती भूमिका पर भी चर्चा की और इसे खासतौर से ग्लोबल साउथ में ग्लोबल डेवलपमेंट को संचालित करने के लिए संभावित रूप से सक्षम बताया. उन्होंने AI के लिए एक वैश्विक शासन ढांचा बनाने के लिए सामूहिक कोशिशों की अपील की. इसके लिए उन्होंने साझा मूल्यों पर ध्यान देने, जोखिमों का सामना करने और विश्वास को बढ़ावा देने की जरूरतों पर भी जोर दिया.
पीएम ने अपने अपने संबोधन में यह भी कहा, “देशों के बीच एक गहरी अंतरनिर्भरता है. इसलिए, हमारे साझा मूल्यों को बनाए रखने, जोखिमों का समाधान करने और विश्वास को मजबूत करने के लिए एक सामूहिक वैश्विक प्रयास की आवश्यकता है.”
भारत में कैसे हो रहा एआई का इस्तेमाल, पीएम ने बताया
भारत की AI में उपलब्धियों को साझा करते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि कैसे भारत स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा और स्मार्ट शहरों में AI का इस्तेमाल कर रहा है. उन्होंने उन क्षेत्रों की ओर इशारा किया, जहां AI के इस्तेमाल से मानवता को लाभ हो सकता है, खासतौर से उन्होंने ग्लोबल साउथ के विकास की बात की.