कोलकाता,
पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने 2026 के विधानसभा चुनाव में अकेले उतरने के संकेत दे दिए हैं. अकेले चुनाव लड़ने की तैयारियों में जुटी ममता बनर्जी की अगुवाई वाली टीएमसी को बड़ा झटका लगा है. पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पुत्र अभिजीत मुखर्जी ने टीएमसी छोड़ कांग्रेस का हाथ थाम लिया है. अभिजीत मुखर्जी बुधवार को कांग्रेस में शामिल हो गए.
उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने के बाद कहा कि वापस लौटकर अपने घर आ रहा हूं. ऐसा करने से मुझे क्या ही रोकेगा. अभिजीत ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि दिल्ली से कोलकाता आने में समय लगता है. उन्होंने यह भी कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कांग्रेस पार्टी की स्थिति कैसी है. कांग्रेस छोड़ टीएमसी में जाने को लेकर अभिजीत ने कहा कि वहां निजी कारणों से गया था.
अभिजीत मुखर्जी ने कहा कि उन कारणों का खुलासा नहीं करना चाहता. उन्होंने लगे हाथ यह भी स्पष्ट कर दिया कि जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी, उसे निभाएंगे. हम आदेश को आगे बढ़ाने वाले लोग हैं. अभिजीत मुखर्जी के कांग्रेस में वापस लौटने की पुष्टि पार्टी की पश्चिम बंगाल यूनिट से जुड़े नेताओं ने भी पहले ही कर दी थी.
पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष शुभंकर सरकार ने कहा कि अभिजीत मुखर्जी के कांग्रेस जॉइन करने से पार्टी को मजबूती मिलेगी. उन्होंने यह भी कहा कि हम चाहते हैं कि राहुल गांधी की विचारधारा से जिनकी विचारधारा मेल खाती है, वे लोग कांग्रेस में शामिल हों.
दो बार सांसद रहे हैं अभिजीत मुखर्जी
अभिजीत मुखर्जी दो बार सांसद रहे हैं. वह अपने पिता प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रपति निर्वाचित होने के बाद उनके इस्तीफे से रिक्त हुई जंगीपुर लोकसभा सीट से साल 2012 में पहली बार संसद पहुंचे थे. 2012 के उपचुनाव में अभिजीत को सीपीआई (एम) के मुजफ्फर हुसैन ने कड़ी टक्कर दी थी और वह 2536 वोट के करीबी अंतर से ही जीत सके थे. 2014 के लोकसभा चुनाव में भी अभिजीत जंगीपुर सीट से ही सांसद निर्वाचित हुए थे लेकिन 2019 में वह चुनाव हार गए थे. अभिजीत को टीएमसी के खलिलुर रहमान ने हरा दिया था.
अभिजीत ने 2021 में छोड़ी थी कांग्रेस
अभिजीत मुखर्जी ने 2021 में कांग्रेस छोड़ दी थी. अभिजीत पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी टीएमसी में शामिल हो गए थे. पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही अभिजीत मुखर्जी गाहे-बगाहे कांग्रेस के साथ खड़ा दिखने की कोशिश करते नजर आए हैं. जून 2024 में ही अभिजीत मुखर्जी ने कांग्रेस में शामिल होने की इच्छा जाहिर करते हुए पार्टी नेतृत्व से मुलाकात का समय भी मांगा था.
पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह के निधन के बाद प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था, तब भी अभिजीत पार्टी के बचाव में ही खड़े नजर आए थे. शर्मिष्ठा ने प्रणब मुखर्जी के निधन के बाद सीडब्ल्यूसी की बैठक बुला श्रद्धांजलि नहीं दिए जाने को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला था. वहीं, अभिजीत ने इसे कोरोना काल की बंदिशों से जोड़ बचाव करते हुए कहा था कि बाद में सीडब्ल्यूसी की बैठक में श्रद्धांजलि दी गई थी.