नई दिल्ली:
शेयर बाजार मंदड़ियों की गिरफ्त में आ चुका है। बुधवार को लगातार छठे सत्र में गिरावट दर्ज की गई। विदेशी निवेशकों की बिकवाली हावी है। घरेलू निवेशक परेशान हैं। अच्छी खबरों का असर नहीं हो रहा है। वहीं, छोटी सी बुरी खबर बाजार को नीचे ले आती है। 27 सितंबर 2024 को निफ्टी 50 इंडेक्स 26,277 के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा था। लेकिन, तब से यह 12% से ज्यादा लुढ़क चुका है। बावजूद इसके कुछ एक्सपर्ट इसे ‘नॉर्मल’ मानते हैं। वैलेंटिस एडवाइजर्स के संस्थापक और एमडी ज्योतिवर्धन जयपुरिया भी उनमें शामिल हैं। उन्होंने इस गिरावट के कारणों और बाजार के मिजाज पर ईटी नाउ को इंटरव्यू दिया है।
ज्योतिवर्धन जयपुरिया ने बताया कि 10% की गिरावट असामान्य नहीं है। अलबत्ता, पिछले 25 सालों में 22 बार ऐसा हो चुका है। फिर भी लंबे समय तक बाजार में स्थिरता के बाद यह गिरावट निवेशकों को बेचैन कर रही है। खासकर स्मॉल और मिडकैप शेयरों में ज्यादा गिरावट देखी जा रही है, जबकि लार्जकैप शेयर अपेक्षाकृत स्थिर हैं। जयपुरिया का मानना है कि इन छोटे शेयरों में स्थिरता आने के बाद ही बाजार में भरोसा लौटेगा। उनका अनुमान है कि आने वाले हफ्तों में बाजार स्थिर हो सकता है।
25 सालों में 22 बार 10% की गिरावट
जयपुरिया ने बताया कि पिछले 25 सालों में 22 बार बाजार में 10% की गिरावट देखी गई है। यानी, ऐसा होना सामान्य है। उन्होंने कहा, ‘अगर हम पिछले 25 सालों को देखें तो बाजार ने उन 25 सालों में से 22 सालों में 10% की गिरावट देखी है। लेकिन, काफी समय से बाजार में ऐसी कोई बड़ी गिरावट नहीं आई थी, इसीलिए यह गिरावट निवेशकों को असामान्य और परेशान करने वाली लग रही है।’
इस उतार-चढ़ाव का सबसे ज्यादा असर स्मॉल और मिडकैप शेयरों पर पड़ा है। जबकि साल की शुरुआत से ही लार्जकैप शेयर ज्यादा स्थिर रहे हैं। स्मॉल और मिडकैप शेयरों में भारी गिरावट देखी गई है। जयपुरिया के अनुसार, जब तक इन शेयरों में स्थिरता नहीं आती, तब तक निवेशकों का भरोसा वापस नहीं आएगा। उन्होंने कहा, ‘लार्जकैप की तुलना में स्मॉल और मिडकैप शेयरों में दर्द अधिक है।’ वह आगे बोले कि एक बार जब इन शेयरों को आधार मिल जाता है तो समग्र बाजार धारणा में सुधार होने की संभावना है।
कर दी यह भविष्यवाणी
जयपुरिया का मानना है कि फिलहाल बाजार में अनिश्चितता बनी रह सकती है, लेकिन आने वाले हफ्तों में बाजार स्थिर हो सकता है। उन्हें उम्मीद है कि एक बार जब स्मॉल और मिडकैप शेयरों को अपना आधार मिल जाएगा तो निवेशकों का भरोसा लौटेगा। इससे बुरी खबरों पर बाजार की अति प्रतिक्रिया कम होगी। ऐतिहासिक आंकड़े बताते हैं कि इस तरह की गिरावट सामान्य बाजार साइकिल का हिस्सा हैं। इसलिए, निवेशकों को लंबी अवधि का नजरिया अपनाना चाहिए।