महराजगंज/गोरखपुर ,
यूपी के महराजगंज जिले में युवा नेता धर्मात्मा निषाद ने फंदे से लटक कर सुसाइड कर लिया. मरने से पहले धर्मात्मा निषाद ने अपने फेसबुक पोस्ट में प्रदेश सरकार के मंत्री डॉ. संजय निषाद और उनके बेटों पर प्रताड़ित करने और फर्जी मुकदमों में फंसाने का आरोप लगाया. हालांकि, इस घटना पर संजय निषाद का कहना है कि मृतक उनकी पार्टी का सक्रिय कार्यकर्ता था, वह ऐसा नहीं कर सकता, किसी ने उन्हें और उनके परिवार को बदनाम करने की साजिश रची है. पोस्ट की जांच की जाए.
बता दें कि के धर्मात्मा निषाद महराजगंज के पनियरा का निवासी था और 10 साल से निषाद पार्टी से जुड़ा हुआ था. इस पार्टी के मुखिया उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री डॉ. संजय निषाद हैं. धर्मात्मा ने सुसाइड से पहले फेसबुक पर लंबा-चौड़ा पोस्ट लिखा था जिसमें उसने संजय निषाद और उनके बेटों पर गंभीर आरोप लगाए.
धर्मात्मा के फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि ‘मैंने अपने समाज के लिए काफी कार्य किया, प्रदेश के 40 जिलों में जा जाकर पार्टी/संगठन को मजबूत करने का किया, लेकिन पिछले कुछ समय से हमारे समाज से आने वाले मंत्री संजय निषाद को मेरी लोकप्रियता पच नहीं रही है, इसलिए वो तरह-तरह से हमें प्रताड़ित कर रहे हैं, फर्जी मुकदमे लिखवा रहे हैं, ऐसे में आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो गया हूं.’
फेसबुक पोस्ट में आगे लिखा है- ‘मैं अपनी जिंदगी की लड़ाई हार गया, यह मेरा आखिरी संदेश है… आज बहुत कुछ सोचने समझने के बाद मैंने यह फैसला लिया है कि यह दुनिया मेरे किसी काम की नहीं है. मैंने अपनी क्षमता के हिसाब से जितना लोगों की मदद कर सकता था उतना मदद करने का प्रयास किया और कई बार तो अपनी क्षमता के ऊपर भी जाकर लोगों की मदद की. इस कारण मेरे हजारों राजनैतिक और सामाजिक दुश्मन बन गए, फिर भी मैंने समाज के शोषित, वंचित, और निर्बलों की आवाज को बुलंद करने का काम लगातार जारी रखा. इस बीच मुझे कई बार फर्जी मुकदमे भी झेलने पड़े और कई बार जेल भी जाना पड़ा फिर भी मैंने अपने कदम को रुकने नहीं दिया और लगातार लोगों की मदद करता रहा.’
मृतक धर्मात्मा निषाद
मृतके के फेसबुक पोस्ट में लिखा है- ‘मैं लगभग पिछले 10 वर्ष से डॉ. संजय कुमार निषाद के साथ कार्य कर रहा था. इस बीच मैंने उत्तर प्रदेश के लगभग 40-50 जिलों में संगठन और पार्टी के लिए कार्य किया जिसके वजह से निषाद समाज के युवाओं के साथ-साथ अन्य वर्ग के भी युवाओं में मेरी लोकप्रियता बढ़ती गई. जिसके कारण डॉ. संजय कुमार निषाद और उनके बेटों की बेचैनी बढ़ने लगी कि आखिर यह एक साधारण सा लड़का इतना ज्यादा चर्चित और लोकप्रिय कैसे होता जा रहा है. इसी बात को लेकर पिछले दो सालों से डॉ. संजय कुमार निषाद और उनके बेटों प्रवीण कुमार निषाद और श्रवण कुमार निषाद ने मेरे खिलाफ सामाजिक और राजनैतिक रूप से षड्यंत्र करते हुए मुझे पहले तो कमजोर करने का प्रयास किया. फिर मेरे ही साथ के युवा साथियों को भड़काने व मेरे खिलाफ खड़ा करने के लिए तरह-तरह के प्रलोभन दिए और मेरे टीम के साथियों को फर्जी मुकदमे में फंसाने के लिए तरह-तरह के प्रयास किए.’
संजय निषाद का बयान
इस मामले में मंत्री संजय निषाद ने गोरखपुर में कहा कि धर्मात्मा निषाद मेरे पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता थे. जिनके आत्माहत्या कर लिए जाने की सूचना से मै स्तब्ध हूं. धर्मात्मा का निधन बेहद दुःखद और मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है. ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि उनकी पवित्र आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें. मैंने हमेशा धर्मात्मा का अपने स्तर से हर संभव सहयोग किया है. लेकिन इस दौरान धर्मात्मा निषाद के सोशल मीडिया अकाउंट से मेरे और मेरे परिजनों के खिलाफ एक बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और पूरी तरह से असत्य टिप्पणी की गई है. मुझे पूरा भरोसा है कि धर्मात्मा ये कभी नहीं कर सकते. इस पोस्ट के जरिये मेरी और मेरे परिवार के साथ मेरी पार्टी की छवि धूमिल करने की कोशिश की गई है. इसलिए मै इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच चाहता हूं. ताकि सच सामने आए कि आखिर धर्मात्मा ने किन प्रस्थितियों में ये कदम उठाया और किस व्यक्ति द्वारा ये पोस्ट कर हम सबकी छवि धूमिल करने का प्रयास किया गया. फिलहाल, धर्मात्मा निषाद के आत्महत्या मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.