मोहाली
पंजाब की भगवंत मान सरकार के नशा विरोधी अभियान के तहत खरड़ में नशा तस्करी से अर्जित प्रॉपर्टी को बुलडोजर से गिरा दिया गया। यह प्रॉपर्टी पाल खान नामक व्यक्ति की थी। इस पर नशा तस्करी के जरिये करोड़ों रुपये की संपत्ति जुटाने का आरोप है। पाल खान के परिवार के सदस्यों ने प्रशासन की इस कार्रवाई का विरोध किया। लेकिन वे निर्माण के वैध होने का कोई साक्ष्य नहीं दिखा सके। इस दौरान पुलिस ने पूरी स्थिति को नियंत्रित किया। अवैध निर्माण गिराने की कार्रवाई के दौरान मौके पर भारी पुलिस बल की भी मौजूदगी रही।
पाल खान पर कई सालों से नशा बेचने का आरोप
पुलिस के अनुसार, पाल खान पर कई सालों से नशा बेचने का आरोप है और उस पर एनडीपीएस एक्ट के तहत मामले दर्ज हैं। इसके अलावा ईओ (एग्जीक्यूटिव ऑफिसर) की ओर से कई बार नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन पाल खान की ओर से कोई ठोस जवाब नहीं दिया गया। मोहाली के डीसी दीपक पारिख ने इस कार्रवाई के बाद मीडिया को बताया कि यह प्रॉपर्टी पूरी तरह से ड्रग मनी से बनाई गई थी और यह अवैध तरीके से स्थापित की गई थी। उन्होंने कहा कि इस घर को गिराने की प्रक्रिया पूरी तरह से कानूनी थी और इसे लेकर किसी भी तरह का समझौता नहीं किया गया। पारिख ने यह भी कहा कि अगर कोई यह सोचता है कि नशा तस्करी करके वह अपनी पीढ़ियों को नशे की गिरफ्त में डाल सकता है और पुलिस से बचा रहेगा, तो यह सोच पूरी तरह से गलत है।
नशे के खिलाफ युद्धस्तर पर मुहिम चला रही पंजाब सरकार
पंजाब सरकार इन दिनों नशे के खिलाफ युद्धस्तर पर मुहिम चला रही है। हाल ही में प्रदेश के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मोहाली में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लोगों से अपील की थी कि अगर कहीं पर कोई नशीला पदार्थ बेचता दिखे, तो फौरन उसकी जानकारी दें। उसके खिलाफ कार्रवाई होगी और जानकारी देने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी। उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार ने पंजाब में नशे के खिलाफ एक युद्ध छेड़ा है। यह फैसला एक दिन में लिया जाने वाला फैसला नहीं है, इसे लेने में लंबा समय लगा है।
ड्रग्स की सप्लाई लाइन तोड़ दीजिए
सीएम मान ने कहा था कि कुछ लोग कहते हैं कि ड्रग्स की सप्लाई लाइन तोड़ दीजिए। सप्लाई लाइन तो आप दो दिन में तोड़ देंगे, लेकिन इससे काम नहीं चलेगा। अगर आप सप्लाई लाइन तोड़ेंगे, तो इससे हमारे युवा नशे के लिए तड़पेंगे। ऐसी स्थिति में उनकी हालत पहले से भी बदतर हो जाएगी। इसी स्थिति से बचने के लिए हमने राज्य में पुनर्वास केंद्र बनाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा था कि जो लोग नशा करते हैं, उन्हें जेल में बंद करके क्या मिलेगा। ऐसे लोग तो मरीज हैं। इन्हें सलाखों में बंद करके कुछ नहीं होने वाला। हमें उनका उपचार करना होगा, ताकि उन्हें नशे से आजादी मिले।