भोपाल,
बीएचईएल, भोपाल में आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का भव्य आयोजन किया गया । अपनी रोशनी खुद बनाएं थीम पर आधारित इस कार्यक्रम में श्री एस एम रामनाथन, कार्यपालक निदेशक, बीएचईएल, भोपाल, श्री पी के उपाध्याय, महाप्रबंधक (ऑपरेशन) तथा डॉं. (श्रीमती) अल्पना तिवारी, महाप्रबंधक एवं प्रमुख कस्तूरबा अस्पताल, श्री संतोष कुमार गुप्ता, अपर महाप्रबंधक एवं प्रमुख (मा.सं.) सभी महाप्रबंधकगण तथा भारी संख्या में अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे । इस कार्यक्रम में सुश्री शीला दाहिया, आईएएस, उप सचिव, सहकारिता विभाग, म.प्र. शासन, विशिष्ट अतिथि एवं वक्ता के रूप में आमंत्रित थीं ।
श्री रामनाथन ने अपने उदबोधन में सभी महिला कर्मचारियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि महिलाएं सामाजिक परिवर्तन की सबसे प्रमुख घटक हैं । उन्होंने समाज के प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका की प्रशंसा करते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति सामाजिक स्थिति अथवा स्त्री-पुरूष होने के कारण महत्वपूर्ण नहीं होता । व्यक्ति जैसा सोचना है और जिस दिशा में कार्य करता है, उसके उत्कर्ष का मूल कारण यही है । उन्होंने बीएचईएल में महिलाओं के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि संस्थान में कार्य करते हुए कभी यह अनुभव नहीं होता कि कौन पुरूष है या कौन महिला । महिला कर्मचारियों ने अपनी प्रतिभा, परिश्रम और संस्थान के प्रति समर्पण के कारण उच्चतम पदों पर आसीन हैं ।
सुश्री शीला दाहिमा ने समाज में महिलाओं की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महिलाएं अत्यंत सामर्थ्यवान हैं और उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सामाजिक संरचना में पुरूष और महिलाएं एक समान महत्वपूर्ण है । उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति में कोई न कोई खूबी होती है और हमें इसकी पहचान अवश्य होनी चाहिए । उन्होंने यह भी कहा कि व्यक्ति को अपने काम और अपने सामाजिक योगदान के लिए गर्व की अनुभूति होनी चाहिए ।
श्री उपाध्याय ने इस अवसर पर महिला सशक्तिकरण तथा घर, परिवार और संस्थान में महिलाओं के योगदान की प्रशंसा की । उन्होंने कहा कि देश के भविष्य को घड़ने में महिलाओं की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है । आज महिलाओं ने ज्ञान, विज्ञान, राजनीति सहित सभी क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करते हुए एक महत्वपूर्ण मुकाम बनाया है ।
डॉ. तिवारी ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए विप्स भोपाल की उपलब्धियों के बारे में चर्चा की और बताया कि कैसे देश में महिलाओं ने बंद कमरों से आंगन और फिर आंगन से बाहरी दुनिया में प्रवेश करते हुए पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाते हुए समाज में अपना स्थान बनाया है ।
श्री गुप्ता ने विप्स की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बीएचईएल, भोपाल सहित विभिन्न क्षेत्रों में उनके योगदान की सराहना की । कार्यक्रम के अंत में विप्स द्वारा आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के पुरस्कार वितरित किए गए । श्रीमती नम्रता जायसवाल, प्रबंधक (मा.सं.-विधि) तथा सचिव, विप्स से कार्यक्रम का संचालन किया जबकि श्रीमती कोकिला डिसूजा, प्रबंधक (मा.सं.) ने आभार व्यक्ति किया ।