मुंबई
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना के तहत 8 मार्च महिला दिवस पर महिलाओं के खाते पर रकम आई। हालांकि देवेंद्र फडणवीस सरकार में आई इस पहली किश्त को लेकर घमासान शुरू हो गया है। संजय राउत ने कहा है कि महायुति सरकार ने घोषणा की थी कि फरवरी और मार्च के 300 रुपए की किस्त महिला दिन पर बहनों के खाते में जमा की जाएगी। इसके तहत राज्य की तमाम लाभार्थी महिलाएं दो महीनों की किस्त आने की उम्मीद लगाए बैठी थीं लेकिन महिलाओं के खाते पर महज 500 रुपये ही आए।
उद्धव ठाकरे की शिवसेना के मुखपत्र सामना में दावा किया गया है कि सोलापुर के मंगलवेढा तहसील में 3000 रुपए की किस्त का इंतजार कर रही एक लाडली बहन के खाते में सरकार की ओर से केवल 500 रुपए जमा कराए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह कृत्य करके महायुति सरकार ने महिला दिन पर लाडकी बहनों का एक तरह से मजाक उड़ाने का काम किया है।
शिंदे सरकार में शुरू हुई थी योजना
जुलाई 2024 में तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र की महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना लागू की थी। इस योजना के तहत महिलाओं के आधार-लिंक खाते में हर महीने 1500 रुपए जमा करने का ऐलान किया गया था। शुरुआत में विपक्ष ने आरोप लगाया कि यह लाडली बहिन योजना चुनाव को ध्यान में रखकर शुरू की गई है। लेकिन सरकार ने ऐलान किया कि यह योजना चुनाव के बाद भी बंद नहीं की जाएगी। यहां तक कि बीजेपी ने ऐलान किया कि महायुति सरकार बनने पर महिलाओं के खाते में 1500 की जगह हर महीने 2100 रुपये दिए जाएंगे।
फरवरी और मार्च की आई है किश्त
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव खत्म हुए और महायुति की सरकार बनी। देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बने और महिलाओं की 2100 रुपये महीने मिलने की उम्मीद पक्की हो गई। सामना ने कहा कि सरकार गठन होने के चार महीने बीत जाने के बाद भी अभी तक 2100 रुपए की किस्त महिलाओं के खाते में जमा नहीं की गई है।
विदर्भ की महिला को मिले महज 500?
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर फरवरी और मार्च की किस्त एक साथ खाते में आनी थी। दावा किया गया था कि हर महिला के खाते में 3000 रुपये ट्रांसफर होंगे। सामना में कहा गया है कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर 3000 रुपए मिलने की उम्मीद रखने वाली मंगलवेढा तालुका की एक महिला के विदर्भ कोकण ग्रामीण बैंक की निंबोनी शाखा के खाते में फरवरी के हिस्से के रूप में केवल 500 रुपए जमा करके महिलाओं का मजाक उड़ाने का प्रयास राज्य सरकार ने किया है। दूसरी तरफ सरकार के इस कृत्य से महिला भी निराश हुई है।