पटना:
आरक्षण की सीमा बढ़ाए जाने की डिमांड को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव धरने पर बैठे हैं। इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि एनडीए सरकार आरक्षण चोर है। उनके इस बयान पर राजनीति तेज हो गई है। केंद्रीय मंत्री और हम पार्टी के संस्थापक जीतन राम मांझी ने कहा कि तेजस्वी यादव प्रलाप करते हैं। उनके प्रलाप का कोई जवाब क्या दें। उनके पास कहां डेटा है कि आरक्षण की चोरी हो रही है। आरक्षण का पूरी तरह से निर्वहन हो रहा है। नियम के मुताबिक सबको आरक्षण मिल रहा है। इसके लिए अगर उन्होंने कोई कमीशन बिठाया हो, या डेटा कलेक्ट किए हो तो वह इस बात को स्पष्ट करें। ऐसे ही कुछ भी कहने से नहीं होगा।
बिहार में प्रवचन के दौरान बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री की ओर से हिंदू राष्ट्र बनाने की बात पर जीतन मांझी ने कहा कि वह राजनीति करने नहीं आए हैं। वह धर्म प्रचार करने आए हैं, इसलिए उसपर ज्यादा कुछ कहना ठीक नहीं है।
तेजस्वी यादव का जमीर मर चुका है: संतोष कुमार सिंह
वहीं तेजस्वी की ओर से एनडीए आरक्षण चोर की कही गई बात पर श्रम संसाधन मंत्री संतोष कुमार सिंह ने कैमूर में कहा कि जिसका जमीर ही मर चुका है, वो आरक्षण की क्या बात करेगा। चैलेंज है मीडिया के माध्यम से, बताएं कि 15 साल की सरकार में लालू और राबड़ी देवी ने किसको आरक्षण दिया। किसी को कुछ दिया हो तो बताएं।
तेजस्वी यादव के पास अर्नगल बयानबाजी करने के अलावा कोई काम नहीं: मंगल पांडेय
आरक्षण को लेकर तेजस्वी यादव के धरने पर राज्य सरकार में मंत्री मंगल पांडेय ने भी निशाना साधा। मंगल पांडेय ने कहा कि तेजस्वी यादव के पास कोई काम बचा नहीं है। शिवाय बयान देने के, लोगों को भ्रमित करने के और अनर्गल बयानबाजी करने के। उनको मालूम होना चाहिए कि आरक्षण के संदर्भ में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार ने जातीय सर्वेक्षण कराया। मैं स्वंय उस कैबिनेट का सदस्य था, जिससे जातीय सर्वेक्षण के लिए बिहार सरकार की तरफ से राशि आवंटित करने का काम हुआ। उसके परिणाम आए। उसके बाद उसकी अनुशंसा में हम लोग साथ खड़े रहे। जातीय सर्वेक्षण के जो परिणाम आए, उसके जो आर्थिक पक्ष थे उसके आधार पर आज भी बिहार की सरकार काम कर रही है। ताकि लोगों को और आर्थिक समृद्धि मिले।
एनडीए सरकार आरक्षण चोर है: तेजस्वी
बता दें कि तेजस्वी यादव ने कहा है कि आरक्षण चोरों और नौकरी चोरों के खिलाफ एक दिवसीय धरना प्रदर्शन दिया गया। इस दौरान आरोप लगाया कि 09 मार्च को आरक्षण चोर नीतीश-भाजपा सरकार ने शिक्षा विभाग अंतर्गत तीसरे चरण की शिक्षक नियुक्ति में दलितों-आदिवासियों और पिछड़ों-अतिपिछड़ों की 𝟖,𝟐𝟐𝟐 सरकारी नौकरियां एक दिन में ही चुरा ली।
हमारे 𝟏𝟕 महीनों के अल्प कार्यकाल में जातिगत गणना के उपरांत दलितों-आदिवासियों और पिछड़ों-अतिपिछड़ों के लिए हमारे द्वारा बढ़ाए गए 𝟔𝟓% आरक्षण को बीजेपी-एनडीए की केंद्र सरकार ने संविधान की नौवीं अनुसूची में नहीं डाला क्योंकि ये आरक्षण चोर अनुसूचित जाति/जनजाति, पिछड़ा-अतिपिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को सोलह प्रतिशत (𝟏𝟔%)आरक्षण का सीधा नुकसान कर इन वर्गों की हजारों-लाखों नौकरियां हड़पना चाहते है। इन वर्गों को अपनी नौकरी और अधिकारों के लिए जागरूक और सचेत होना होगा।