UP : ‘मेरे पति की आत्महत्या के लिए सिस्टम जिम्मेदार’, जीएसटी डिप्टी कमिश्नर की पत्नी ने उठाए गंभीर सवाल

नोएडा:

गाजियाबाद जीएसटी विभाग के डिप्टी कमिश्नर संजय सिंह ने सोमवार सुबह खुदकुशी कर ली। वे नोएडा सेक्टर-75 की एपेक्स सोसाइटी की 15वीं मंजिल से कूद गए। आत्महत्या को लेकर उनकी पत्नी अर्पणा सिंह ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने काम के दबाव को आत्महत्या का कारण बताया है। कैंसर से पीड़ित होने की बातों को उन्होंने सिरे से खारिज कर दिया है। परिवार का कहना है कि संजय सिंह कैंसर से ठीक हो चुके थे। हालांकि, उन्हें विभाग में अतिरिक्त कार्यभार दिया गया था, जिससे वे परेशान थे। पुलिस मामले की जांच कर रही है और सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है।

संजय सिंह जीएसटी विभाग गाजियाबाद में डिप्टी कमिश्नर के पद पर कार्यरत थे। सोमवार सुबह उन्होंने एपेक्स सोसाइटी की 15वीं मंजिल से छलांग लगा दी। इस घटना से उनके परिवार, दोस्तों और सहकर्मियों को गहरा सदमा लगा है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है, ताकि घटना के कारणों का पता लगाया जा सके।

पत्नी अपर्णा सिंह ने उठाए सवाल
संजय सिंह की पत्नी अर्पणा सिंह ने अपने पति की मौत के लिए काम के दबाव को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने मीडिया को बताया कि संजय सिंह पर काम का बहुत ज्यादा दबाव था। उन्हें एक अतिरिक्त चार्ज भी दिया गया था, जिससे वे और भी ज्यादा परेशान रहने लगे थे। अर्पणा सिंह ने साफ़तौर पर कहा कि जो भी था इस बीच कहीं न कहीं उनका एक ऑफिशियल मेंटल प्रेशर था। शायद इसको हमारे विभागीय लोग समझ पाएंगे। मेंटल प्रेशर बहुत ज्यादा था। हमें उनसे कोई डर नहीं था कि उनको कुछ होने वाला है। ये जो चीजें हुईं, ये बिल्कुल भी सामान्य नहीं थी। कहीं न कहीं वो आपकी ये जो व्यवस्था है, वो इस व्यवस्था के शिकार हुए हैं। अगर इस बात का कोई जवाब देने को तैयार हो तो मुझसे बात कर सकता है।

मेरे हसबैंड को चौथे स्टेज का कैंसर नहीं था- पत्नी
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में संजय सिंह के कैंसर से पीड़ित होने की बात कही गई थी। हालांकि, उनकी पत्नी अर्पणा सिंह ने इन खबरों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने बताया कि संजय सिंह कैंसर से जूझ नहीं रहे थे, बल्कि वे कैंसर सर्वाइवर थे। मेरे हसबैंड को चौथे स्टेज का कैंसर नहीं था। ये 100 फीसदी स्पष्ट है और इसका मेरे पास प्रमाण भी है। इसमें कुछ भी नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि संजय सिंह ने अपने परिवार के अन्य सदस्यों का भी कैंसर का इलाज करवाया था। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने अलावा भी अपने करीबियों का भी इलाज बहुत अच्छे से कराया। चाहें फिर वो मेरी ननद हों या ससुर। इनका कैंसर हम लाइफ थ्रेटनिंग नहीं मानते हैं, बिल्कुल भी नहीं।

चचेरे भाई ने भी उठाए सवाल
संजय सिंह के चचेरे भाई धनंजय सिंह ने भी मीडिया से बात की। उन्होंने बताया कि संजय सिंह को 10-11 साल पहले प्रोस्टेट कैंसर हुआ था, लेकिन वे पूरी तरह से ठीक हो चुके थे। धनंजय सिंह ने भी काम के दबाव को संजय सिंह की मौत का कारण बताया। उन्होंने कहा कि इधर थोड़ा सा कार्य पद्धति और विभाग की स्थितियां जो हैं, शायद आप लोगों को भी पता लगता होगा। विभाग में दबाव बहुत है। इसके चलते उन्हें एक अतिरिक्त चार्ज मिला था। उसको वे नहीं चाह रहे थे। उसकी वजह से वो बहुत ज्यादा परेशान थे। धनंजय सिंह ने कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में गलत जानकारी दी जा रही है।

यूपी के मऊ जिले के रहने वाले थे संजय सिंह
संजय सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के रहने वाले थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी अर्पणा सिंह और दो बेटे हैं। एक बेटा गुरुग्राम में नौकरी करता है, जबकि दूसरा बेटा ग्रेटर नोएडा की एक यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहा है। इस घटना ने पूरे परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है।

मंगलवार को काली पट्टी बांधकर अधिकारी करेंगे काम
यूपी के जीएसटी अधिकारी मंगलवार को काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। होली के बाद एक बड़ा आंदोलन भी हो सकता है। उत्तर प्रदेश के सभी GST अधिकारी साथी की आत्महत्या से दुखी हैं, इसलिए मंगलवार को वे काली पट्टी बांधकर काम करेंगे। यह एक शोक प्रदर्शन होगा। इसके साथ ही अधिकारी होली के बाद एक बड़ा आंदोलन करने की तैयारी भी कर रहे हैं।

About bheldn

Check Also

महाराष्ट्र: 7,00,020 करोड़ के बजट में ‘लाडली बहनों’ को झटका, मुंबई के दोनों हवाई अड्डों के बीच दौड़ेगी मेट्रो

मुंबई देवेंद्र फडणवीस के दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार उपमुख्यमंत्री व राज्य …