दुनियाभर में कंपनियां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को अपनाना चाहती हैं, लेकिन उन्हें स्किल प्रोफेशनल्स की कमी से जूझना पड़ रहा है। बैन एंड कंपनी की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 से AI जॉब पोस्टिंग में हर साल 21% की बढ़ोतरी हुई है। इसी दौरान AI रोल्स की सैलरी में भी 11% सालाना बढ़ोतरी देखी गई है। मगर इस तुलना में स्किल्ड प्रोफेशनल्स की संख्या उतनी तेजी से नहीं बढ़ रही है। इससे टैलेंट गैप बढ़ रहा है और AI अपनाने में देरी हो रही है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि स्किल प्रोफेशनल्स की कमी 2027 तक जारी रहने वाली है। दुनिया के कुछ बड़े देशों में सबसे ज्यादा वर्कर्स की कमी हो रही है। इसमें भारत, अमेरिका, जर्मनी, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश शामिल हैं। वर्कर्स की कमी से इन देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर भी असर पड़ेगा। इसमें कहा गया है कि कंपनियों को कर्मचारियों को खुद ही नई स्किल सिखानी होगी, अलग तरह से हायरिंग करनी होगी और AI टैलेंट को बनाए रखने के लिए नए तरीके सोचने होंगे।
अमेरिका में कितने लोगों की होगी कमी?
बैन की रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग 44% एग्जीक्यूटिव्स ने माना है कि जनरेटिव AI को लागू करने में मुख्य बाधा कंपनियों में AI एक्सपर्ट्स का नहीं होना है। इससे उन्हें इनोवेशन और ग्रोथ में कठिनाइयां हो रही हैं। अमेरिका में 2027 तक लगभग आधी AI नौकरियां करने वाला कोई नहीं होगा। आने वाले दो सालों में अमेरिका में 13 लाख से ज्यादा AI जॉब्स होंगी, जबकि उन्हें करने के लिए सिर्फ 6,45,000 लोग ही होंगे। इस तरह करीब 7,00,000 वर्कर्स की देश में कमी होने वाली है।
ब्रिटेन-जर्मनी और भारत में कितने एक्सपर्ट्स की कमी?
जर्मनी को सबसे ज्यादा AI टैलेंट गैप का सामना करना पड़ेगा। 2027 तक देश में 70% AI जॉब्स करने वाले कोई नहीं होगा। देश में मौजूद 1,90,000 से लेकर 2,19,000 नौकरियों के लिए सिर्फ 62,000 AI एक्सपर्ट्स ही होंगे। ये दिखाता है कि देश में स्किल प्रोफेशनल्स की किस तरह कमी रहने वाली है।
ब्रिटेन की बात करें तो यहां पर 50% से ज्यादा AI जॉब्स के लिए एक्सपर्ट्स नहीं होंगे। 2027 तक देश में 2,55,000 AI जॉब्स होंगी, जबकि उन्हें करने के लिए सिर्फ 1,05,000 AI एक्सपर्ट्स ही रहने वाले हैं। इस तरह ब्रिटेन में जॉब करने के लिए ज्यादा ऑप्शन होंगे।
भारत में भी AI एक्सपर्ट्स की कमी देखने को मिलने वाली है। 2027 तक यहां 23 लाख नौकरियां होंगी, जबकि देश का AI टैलेंट पूल सिर्फ 12 लाख ही रहने वाला है। इस तरह करीब 10 लाख लोगों की कमी होगी। इस गैप को भरने के लिए लोगों को स्किल सीखाने की जरूरत पड़ेगी। ऑस्ट्रेलिया में भी 2027 तक 60,000 से ज्यादा AI प्रोफेशनल्स की कमी हो सकती है। देश में 1,46,000 नौकरियां होंगी, जबकि 2027 तक उन्हें करने के लिए सिर्फ 84,000 स्पेशलिस्ट लोग होंगे।
AI टैलेंट गैप का फायदा भारतीय स्टूडेंट्स भी उठा सकते हैं। उन्हें इन देशों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़े कोर्सेज की पढ़ाई के लिए जाना चाहिए। कोर्स खत्म होने के बाद यहां नौकरी मिलना आसान होगा। सबसे अच्छी बात ये है कि AI एक्सपर्ट्स को इन देशों में अच्छी सैलरी भी दी जा रही है। अमेरिका से लेकर ब्रिटेन तक जैसे देशों में कई सारी टॉप यूनिवर्सिटीज मौजूद हैं, जहां AI से जुड़े कोर्स की पढ़ाई की जा सकती है।