श्रद्धा भाव, राष्ट्रीय चेतना के दर्शन हुए, पीएम मोदी का लोकसभा में महाकुंभ पर संबोधन, जानें क्या-क्या कहा

नई दिल्ली

पीएम नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि प्रयागराज महाकुंभ से अनेक अमृत निकले हैं। इसमें एकता का अमृत निकाला है। इस आयोजन में देश के हर क्षेत्र और हर कोने से आकर एक हो गए। लोग अहम् से वयम् के भाव में एक हुए। पीएम मोदी ने लोकसभा में आज अपने भाषण मं कहा कि महाकुंभ विरासत से जुड़ने की पूंजी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ को जनता-जनार्दन का, जनता-जनार्दन से प्रेरित और जनता-जनार्दन का आयोजन बताया। लोकसभा में प्रधानमंत्री ने महाकुंभ पर अपने विचार रखे और कहा कि महाकुंभ में हमने राष्ट्रीय चेतना के विराट रूप के दर्शन किए।

पीएम मोदी ने साधा निशाना
पीएम महाकुंभ की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए उन तत्वों पर भी कड़ा प्रहार किया जिन्होंने महाकुंभ को लेकर नकारात्मक बातें कीं। मोदी ने कहा कि महाकुंभ के सफल आयोजन ने उन शंकाओं को भी उचित जवाब दिया है जो हमारे सामर्थ्य को लेकर कुछ लोगों के मन में रहती है। प्रधानमंत्री ने महाकुंभ की तुलना भारतीय इतिहास के मील के पत्थरों से की। उन्होंने कहा कि हर राष्ट्र के जीवन में ऐसे पल आते हैं जब सदियों के लिए, आने वाली पीढ़ियों के लिए उदाहरण बन जाते हैं। प्रयागराज महाकुंभ को ही ऐसे ही पड़ाव के रूप में देखता हूं जिसमें जागरूक होते हुए देश का प्रतिबिंब नजर आता है।

पीएम मोदी ने कहा कि महाकुंभ पर सवाल उठाने वालों को सफल महाकुंभ एक जवाब है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में छोटे-बड़े का कोई भेद नहीं था। पीएम मोदी ने कहा कि बिखराव के दौर में हमारी एकता अहम बिंदु है। उन्होंने कहा कि युवा परंपरा और संस्कृति को अपना रहे हैं।

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