12 घंटे के अंदर ही मंदिरों को तोड़ने का अपना आदेश लेना पड़ा वापस, खाली हाथ लौटी DDA की टीम

नई दिल्ली

सरकारी संपत्ति पर अवैध रूप से बने मंदिरों के खिलाफ कार्रवाई करने संबंधी बने नए प्रावधानों की अनदेखी करना DDA को ही भारी पड़ गया है। संजय लेक, त्रिलोकपुरी में एक ही समुदाय के बने 3 मंदिरों के खिलाफ कार्रवाई करने का फरमान बुधवार की रात 9 बजे चिपका दिया गया था। मगर 12 घंटे के अंदर ही ऑर्डर वापस ले लिए गए। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट का फैसला, रिलिजियस कमिटी की सिफारिश और प्रिंसिपल सेक्रेटरी (होम) की बैठक की गाइडलाइंस का हवाला दिया गया है।

बिना नियम जाने एक्शन का आदेश
DDA के एक अधिकारी ने बताया कि इस मामले में साफ है कि नियम और सिफारिश को ढंग से जाने बगैर एक्शन का आदेश दे दिया गया था। मंदिरों के खिलाफ एक्शन लेने से पहले रिलिजियस कमिटी को प्रस्ताव भेजा जाता है, जो नहीं भेजा गया था। इस स्थिति से क्षेत्र में काफी तनाव पैदा हो गया था। डीलक्स अपार्टमेंट, वसुंधरा एनक्लेव RWA के प्रेजिडेंट विजय टिक्कू ने बताया कि रात को ही थाना पुलिस के अलावा अर्धसैनिक बलों ने धार्मिक ढांचों को घेर लिया था।

लोगों ने शुरू किया-भजन कीर्तन
बड़ी संख्या में लोगों ने वहां पहुंचकर मंदिरों में भजन कीर्तन शुरू कर दिया था। कार्रवाई सुबह 5 बजे शुरू होनी थी। इस कारण करीब पांच JCB मशीन भी आ गई थी। लोग वहां से हटने को तैयार नहीं थे। ऐसे में कुछ भी हो सकता था।

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