जयपुर:
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सियासत में एक बार फिर सक्रिय होकर बीजेपी पर जमकर बयान बाजी कर रहे हैं। इस बीच अब उनके एक बयान पर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी भी आमने-सामने हो गए हैं। उन्होंने पलटवार करते हुए गहलोत के उस बयान को अनुचित बताया, जिसमें गहलोत ने देवनानी के कार्य शैली को लेकर सवाल उठाए थे। उन्होंने गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि विधानसभा स्पीकर जैसी संवैधानिक पद पर उंगली उठाना अनुचित है, संवैधानिक परंपराओं के विपरीत है। बता दें, गहलोत ने यह बयान कांग्रेस के 6 विधायकों के निलंबन के सन्दर्भ में दिया था।
विधायकों के निलंबन को सही बताकर देवनानी ने दिया जवाब
बीते दिनों विधानसभा में पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा समेत 6 विधायकों को निलंबित कर दिया गया था। इसको लेकर कांग्रेस ने जमकर बवाल किया। इसी को जोड़कर गहलोत ने देवनानी की कार्यशैली पर बड़े सवाल खड़े किए थे। इधर, स्पीकर देवनानी ने पलटवार करते हुए विधायकों का निलंबन सही बताया। उन्होंने कहा कि प्रतिपक्ष सदस्यों की हठधर्मिता से ही उनका निलंबन हुआ था। उन्होंने पलट वार करते हुए कहा कि अच्छा तो यह होता है कि गहलोत अपने दल के सदस्यों को सदन की मर्यादाओं में रहने, परंपराओं का पालन करने के लिए और अनर्गल टिप्पणी नहीं करने की नसीहत देते। इस दौरान देवनानी ने गहलोत के बयान को अनुचित बताया
संवैधानिक पद की कार्य शैली पर सवाल उठाना सही नहीं
गहलोत के बीते दिनों दिए गए बयान पर स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष जैसे संवैधानिक पद की कार्य शैली पर सवाल उठाना, संवैधानिक परंपराओं के विपरीत है। उन्होंने कहा कि वह संवैधानिक पद पर रहते हुए सदैव बिना किसी पक्षपात के सदनों में नियमों और मर्यादाओं का निर्वहन करते हैं और सदन की परंपराओं को आगे बढ़ाते हैं। उन्होंने कहा कि प्रतिपक्ष को सदन में बोलने का पूरा अधिकार दिया गया है। वह प्रतिपक्ष को पूरा महत्व देते हैं और हर मुद्दे पर चर्चा करते हैं। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को उन्होंने अपने कक्ष में बुलाकर बातचीत की, लेकिन प्रतिपक्ष के नहीं समझने और मर्यादित आचरण, हठधर्मिता के कारण उनके सदस्यों का निलंबन करना पड़ा।
डोटासरा समेत 6 विधायकों का हुआ था निलंबन
बता दें, विधानसभा में समाज कल्याण न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत के ‘दादी वाले’ बयान को लेकर बीते दिनों जमकर बवाल हुआ। इसके विरोध में डोटासरा समेत 6 विधायकों ने स्पीकर की डायस के सामने आकर जमकर प्रदर्शन किया। इसके चलते देवनानी ने सभी 6 विधायकों को निलंबित कर दिया था। इसको लेकर विधानसभा में एक सप्ताह तक गतिरोध भी कायम रहा। इस पर कांग्रेस ने विधानसभा के बाहर धरना प्रदर्शन कर अपना आक्रोश व्यक्त किया था।