नई दिल्ली
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट की दुनिया को बदल रहा है। जोहो के संस्थापक श्रीधर वेम्बु का मानना है कि एआई 90% कोडिंग का काम कर लेगा। इससे दोहराए जाने वाले काम खत्म हो जाएंगे। वहीं, ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन का कहना है कि इससे सॉफ्टवेयर इंजीनियरों के लिए नौकरियां कम हो सकती हैं। एआई अब कोडिंग में इंसानों की जगह लेता जा रहा है। कंपनियां अब एआई टूल्स का इस्तेमाल करना सीख रही हैं। कई कंपनियों में 50% से ज्यादा कोड एआई लिख रहा है। इंडस्ट्री के कई लीडर्स भी ऐसा ही सोचते हैं। उनका मानना है कि एआई जल्द ही सारा सॉफ्टवेयर कोड लिख देगा।
श्रीधर वेम्बु का कहना है कि एआई ज्यादातर कोडिंग के काम को संभाल लेगा। वह ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि प्रोग्रामिंग में कई काम बार-बार करने होते हैं। एआई इन कामों को आसानी से कर सकता है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, ‘जब लोग कहते हैं कि AI 90% कोड लिखेगा तो मैं तुरंत मान जाता हूं। कारण है कि प्रोग्रामर जो लिखते हैं, उसमें से 90% ‘बॉयलर प्लेट’ होता है।’ वह ‘आवश्यक जटिलता’ (एसेंशियल कॉम्प्लेक्सिटी) और ‘आकस्मिक जटिलता’ (एक्सीडेंटल कॉम्प्लेक्सिटी) के बीच के अंतर की बात कर रहे थे। यह सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की किताब ‘द मिथिकल मैन मंथ’ का एक विचार है।
रचनात्मक काम अभी इंसान ही करेंगे
वेम्बु के अनुसार, AI आकस्मिक जटिलता को दूर करने में अच्छा है। लेकिन, आवश्यक जटिलता को संभालने के लिए इंसानों की जरूरत होती है। इसका मतलब है कि AI दोहराए जाने वाले और आसान काम कर सकता है। लेकिन, मुश्किल और रचनात्मक काम अभी भी इंसानों को ही करने होंगे।
ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन का कहना है कि AI के कारण सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की मांग कम हो सकती है। यह बदलाव तुरंत नहीं होगा, लेकिन इसकी दिशा साफ है। उन्होंने कहा, ‘हरेक सॉफ्टवेयर इंजीनियर कुछ समय के लिए बहुत ज्यादा काम करेगा। फिर एक समय आएगा जब हमें कम सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की जरूरत होगी।’
अभी यह है सबसे बड़ी जरूरत
ऑल्टमैन ने बताया कि AI सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट को कैसे बदल रहा है। उन्होंने कहा कि पहले कोडिंग में महारत हासिल करना ही सबसे बड़ी बात थी। लेकिन, अब AI टूल्स में महारत हासिल करना जरूरी है। उन्होंने कहा, ‘अभी सबसे जरूरी चीज है AI टूल्स का अच्छी तरह से इस्तेमाल करना सीखना।’ उन्होंने इसकी तुलना 2000 के दशक की शुरुआत से की। उस समय अच्छा कोडर बनना ही सबसे जरूरी था।
ऑल्टमैन ने बताया कि कई कंपनियों में AI पहले से ही काफी कोड लिख रहा है। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि कई कंपनियों में यह आंकड़ा 50% से ज्यादा हो गया है।’ उन्होंने ‘एजेंटिक कोडिंग’ के बारे में भी बात की। इसमें AI ज्यादा मुश्किल काम करेगा। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि एजेंटिक कोडिंग के साथ बड़ी चीज आएगी, जो अभी तक कोई भी असली में नहीं कर रहा है।’
इंडस्ट्री के कई लीडर्स भी ऐसा ही सोचते हैं. Anthropic के सीईओ डारियो अमोदेई ने हाल ही में कहा था कि AI एक साल के अंदर सारा सॉफ्टवेयर कोड लिख देगा। मेटा के मार्क जुकरबर्ग ने भी जनवरी में ऐसा ही कहा था। उन्होंने जो रोगन को बताया था कि AI जल्द ही उनके ऐप्स के पीछे का ज्यादातर कोड लिख देगा।