एमपी के तीन मंत्रियों को मिलना था नोटिस…, ट्वीट ने मचा दी हलचल

भोपाल•

एमपी के ​आलोट के बीजेपी विधायक चिंतामणि मालवीय को पार्टी द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी करने पर प्रदेश में सियासी तूफान आ गया लगता है। विधायक मालवीय ने विधानसभा में उज्जैन में सिंहस्थ के लिए जमीन के मामले में किसानों के पक्ष में आवाज उठाते हुए अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया था। इस पर आलोट विधायक को बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने नोटिस देकर 7 दिन में जवाब तलब किया है। बीजेपी विधायक चिंतामणि मालवीय को नोटिस दिए जाने पर कांग्रेस ने हल्ला बोल दिया है। कांग्रेस ने विधानसभा के भीतर और बाहर इस मुद्दे को उठाया। एमपी कांग्रेस ने एक ट्वीट भी किया जिसमें राज्य के तीन मंत्रियों के नामों का उल्लेख करते हुए कहा कि नोटिस उन्हें देना था लेकिन बीजेपी, दलित विधायक की आवाज को दबा रही है।

मध्यप्रदेश विधानसभा में बजट सत्र के अंतिम दिन बीजेपी विधायक चिंतामणि मालवीय को पार्टी के नोटिस का मामला उठा। कांग्रेस विधायक सोहनलाल बाल्मीक ने कहा कि आलोट विधायक ने विधानसभा में वक्तव्य दिया था जिसपर बीजेपी ने उन्हें नोटिस दे दिया। कांग्रेस विधायक ने विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर से इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की। अध्यक्ष ने प्रश्नकाल के बाद चर्चा की बात कही।

सदन के बाहर भी कांग्रेस इस मुद्दे पर मुखर रही। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रेस से बातचीत करते हुए मामले में बीजेपी और राज्य सरकार को बुरी तरह घेरा। पटवारी ने कहा कि बीजेपी किसानों के हक में बोलनेवाले आलोट विधायक की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है। जीतू पटवारी ने कहा कि बीजेपी की राज्य सरकार पर भूमाफियाओं का कब्जा हो गया है। हर तरह का माफिया सरकार के सर चढ़कर तांडव मचा रहा है। एमपी कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर ट्वीट किया। कांग्रेस ने अपने एक्स हेंडल पर प्रदेश के तीन मंत्रियों के नामों का उल्लेख करते हुए लिखा कि- नोटिस मिलना था विश्वास सारंग, प्रहलाद पटेल, गोविंद राजपूत को…लेकिन वो मिला चिंतामणि मालवीय को।

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