तालिबान के आगे पाकिस्‍तानी सेना ने टेके घुटने, अफगानों से बातचीत के लिए गिड़गिड़ाए शहबाज

इस्‍लामाबाद

तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्‍तान आतंकियों और बलूच विद्रोहियों के हमले से बेहाल पाकिस्‍तानी सेना ने ऐलान किया था कि अब वह ‘खेल के नियम बदलने जा रही है।’ पाकिस्‍तान के विश्‍लेषकों के मुताबिक पाकिस्‍तानी सेना के प्रवक्‍ता का इशारा था कि वह अब अफगानिस्‍तान के अंदर हमले करेगी। इस बीच डूरंड लाइन पर भी तोरखम सीमा पर कई दिनों तक जोरदार गोलाबारी हुई। तालिबानी सेना ने सीमा पर पाकिस्‍तानी सेना की कई चौकियों को उड़ा दिया। इस तनाव के बाद अब पाकिस्‍तान की सेना समर्थित शहबाज सरकार को अक्‍ल आ गई है। पाकिस्‍तान सरकार ने ऐलान किया है कि वह तालिबान के साथ टीटीपी के खतरे को लेकर बातचीत करेगी।

पाकिस्‍तान के डेप्‍युटी पीएम इशाक डार ने सोमवार को एक बैठक के बाद तालिबान के साथ बातचीत का ऐलान किया। पाकिस्‍तानी नेता ने कहा कि तालिबान के साथ कूटनीति और बातचीत के जरिए आतंकियों को शरण देने के मुद्दे को सुलझाया जाएगा। इस बैठक में अफगानिस्‍तान के लिए पाकिस्‍तान के विशेष प्रतिनिधि राजदूत महमूद सादिक ने अपनी हालिया काबुल यात्रा की जानकारी दी। माना जा रहा है कि टीटीपी के मुद्दे पर तालिबान ने पाकिस्‍तान की मांग नहीं मानी तो इस्‍लामाबाद की सरकार अब उसे मनाने में जुट गई है।

तालिबान के आगे झुकी पाक आर्मी
टीटीपी आतंकियों को लेकर पाकिस्‍तान और अफगानिस्‍तान के बीच तनाव अपने चरम पर है। पाकिस्‍तान का आरोप है कि उसके खैबर पख्‍तूनख्‍वा प्रांत और बलूचिस्‍तान प्रांत में हमले जो आतंकी कर रहे हैं, उन्‍हें अफगानिस्‍तान में शरण मिली हुई है। मजेदार बात यह है कि पाकिस्‍तान की सरकार ने तालिबान के साथ बातचीत को लेकर जो बयान जारी किया है, उसमें कहीं भी टीटीपी और सीमापार आतंकवाद के मुद्दे का जिक्र तक नहीं है। माना जा रहा है कि इसके जरिए तालिबान को मनाने की कोशिश की गई है।

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