78% जज सवर्ण जाति के, सरकार बोली- 7 साल में SC कॉलेजियम ने OBC से बनाए सिर्फ 89

नई दिल्ली:

सरकार ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि देशभर के हाई कोर्ट में 2018 से नियुक्त 715 जजों में से 22 अनुसूचित जाति, 16 अनुसूचित जनजाति, 89 ओबीसी से और 37 अल्पसंख्यक हैं। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने एक सवाल के जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और 25 हाई कोर्ट में जजों की नियुक्तियां संविधान के प्रावधानों के तहत की जाती हैं, जो किसी भी जाति या वर्ग के लोगों के लिए आरक्षण का प्रावधान नहीं करता है।

किस वर्ग के कितने जज?
मेघवाल ने कहा कि सरकार सामाजिक विविधता को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। साल 2018 से हाई कोर्ट के जजों के पद के लिए अनुशंसित उम्मीदवारों को निर्धारित प्रारूप में अपनी सामाजिक पृष्ठभूमि की जानकारी देना जरूरी है। उन्होंने कहा, ‘सिफारिश किए जाने वाले लोगों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर 2018 से हाई कोर्ट में नियुक्त 715 जजों में से 22 अनुसूचित जाति के, 16 अनुसूचित जनजाति के, 89 अन्य पिछड़ा वर्ग के और 37 अल्पसंख्यक हैं।’

कानून मंत्री ने राज्यसभा में क्या कहा?
कानून मंत्री ने कहा कि सरकार हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से अनुरोध करती रही है कि जजों की नियुक्ति के लिए प्रस्ताव भेजते समय, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और महिलाओं से संबंधित उपयुक्त उम्मीदवारों पर उचित विचार किया जाए, ताकि नियुक्तियों में सामाजिक विविधता सुनिश्चित हो सके।

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