हजारीबाग रामनवमी जुलूस हिंसा: 10 नामजद, 200 अज्ञात आरोपियों के खिलाफ FIR; पथराव से तनाव!

हजारीबाग

हजारीबाग शहर में रामनवमी से पहले 25 मार्च की रात निकाले गए ‘मंगला जुलूस’ के दौरान पथराव की घटना को लेकर आज झारखंड विधानसभा में जोरदार हंगामा हुआ। इस हिंसक झड़प और पथराव की घटना के सिलसिले में 10 नामजद और 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। राज्य के संसदीय कार्यमंत्री राधाकृष्ण किशोर ने बुधवार को विधानसभा में यह जानकारी दी।

आपत्तिजनक गाना बजाने को लेकर शुरू हुआ विवाद
इस मामले में प्रमंडलीय आयुक्त और डीआईजी की रिपोर्ट के आधार पर संसदीय कार्यमंत्री ने बताया कि 25 मार्च की शाम को द्वितीय मंगला जुलूस के दौरान यह घटना हुई है। उन्होंने बताया कि रामनवमी की झांकी पंचमंदिर से झंडाचौक के बीच गुजर रही थी। इसी दौरान कथित रूप से आपत्तिजनक गाना बजाने को लेकर विवाद शुरू हुआ। इस दौरान दोनों पक्षों की ओर से पत्थरबाजी और मारपीट की घटना हुई।

पुलिस की ओर से दो राउंड हवाई फायरिंग
पुलिस और प्रशासन की ओर से दोनों पक्षों को समझाने की काफी कोशिश की गई। कई चेतावनियों के बाद भी मामला शांत नहीं होने पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए दो चक्र हवाई फायरिंग की गई। उन्होंने बताया कि दंडाधिकारियों के नेतृत्व में इलाके में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है।

दोनों समुदाय के 5-5 नामजद और 200 अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी
मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि स्थिति को नियंत्रण में लाने के बाद संवेदनशील इलाकों और मार्गों पर अतिरिक्त पुलिस बल और मजिस्ट्रेट तैनात किए गए।उन्होंने बताया कि पर तैनात मजिस्ट्रेट की शिकायत के आधार पर सदर थाने में दोनों समुदाय के पांच-पांच नामजद लोगों और 200 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। फिलहाल स्थिति शांतिपूर्ण और नियंत्रण में है।

वेल में आकर बीजेपी विधायकों का प्रदर्शन
इससे पहले आज बजट सत्र के 19वें दिन सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा के विधायक हजारीबाग की घटना को लेकर नारेबाजी करते हुए वेल में पहुंच गए। वे पत्थरबाजों पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे थे। सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले भी हजारीबाग के भाजपा विधायक प्रदीप प्रसाद ने इस घटना के विरोध में तख्ती लेकर प्रदर्शन किया।

हिन्दुओं के त्योहार पर ही दंगे क्यों-बाबूलाल
विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने हजारीबाग की घटना को लेकर सदन में सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि हिंदुओं के त्योहारों पर ही दंगे क्यों होते हैं? उन्होंने आरोप लगाया कि अपराधियों को सरकार का संरक्षण प्राप्त है। राज्य में कानून-व्यवस्था पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं रह गया है। बाबूलाल मरांडी ने संवेदनशील इलाकों में सीसीटीवी कैमरे लगाने और पर्व-त्योहार के दौरान ड्रोन कैमरों का उपयोग करने की मांग की। उन्होंने कहा कि जुलूस वाले रास्तों पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जाए और पर्याप्त लाइटिंग की व्यवस्था हो, ताकि उपद्रवियों की पहचान आसानी से हो सके। इसके बाद भाजपा विधायक नारेबाजी करते हुए वेल में पहुंच गए।

 

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