लक्जरी अपार्टमेंट, होटल, गैजेट्स… घरेलू कर्ज का स्‍तर बड़ी च‍िंंता, कहां उलझकर रह गया है मिडिल क्‍लास?

नई दिल्‍ली

भारत में मिडिल क्‍लास की खर्च करने की आदतों में बड़ा बदलाव आया है। यह वर्ग कर्ज लेकर भी बेहतर जीवन जीना चाहता है। यही कारण है कि पर्यटन और लग्जरी सामानों की मांग बढ़ी है। युवा पीढ़ी इसमें आगे है। भारत दुनिया का सबसे ज्‍यादा आबादी वाला देश है। उसकी जीडीपी में 60% योगदान निजी खपत का है। इसका लगभग एक तिहाई हिस्सा मनोरंजन, होटलबाजी या छुट्टियों जैसे गैर-जरूरी खर्चों पर होता है। एक नई रिपोर्ट में पता चला है कि इस गैर-जरूरी खर्च के एक तिहाई हिस्से में महत्वाकांक्षी मिडिल क्‍लास का योगदान है। भारत का मिडिल क्‍लास पहले से बेहतर चीजें खरीद रहा है। यह बात भी सामने आई है कि कैसे कोई परिवार किराने का सामान खरीदते समय पैसे बचाने की सोचता है। लेकिन, कार पर खूब खर्च करता है या कोई वेतनभोगी पेशेवर बिजली मिस्त्री को काम पर रखते समय मोलभाव करता है। वहीं, छुट्टियों पर पैसा खर्च करने को तैयार रहता है।

मध्यम वर्ग बेहतर चीजें क्यों खरीद रहा है?
इसकी वजह कर्ज हो सकती है। लोग कम बचत कर रहे हैं और ज्यादा कर्ज ले रहे हैं। मार्च 2025 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के 7.2% से बढ़ने की उम्मीद है। यह रफ्तार साथ की प्रमुख अर्थव्‍यवस्‍थाओं में सबसे तेज है। ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स का अनुमान है कि अगले दशक में उभरते बाजारों में मध्यम वर्ग दोगुना हो जाएगा। 2024 में यह 35.4 करोड़ परिवारों से बढ़कर 2034 तक 68.7 करोड़ हो जाएगा। 2029 तक हर तीन में से दो मध्यम वर्ग के उपभोक्ता एशिया से होने की उम्मीद है। सबसे बड़ी वृद्धि चीन, भारत, इंडोनेशिया, फिलीपींस और वियतनाम से होगी।

हालांकि, स्थिर आय बड़ी समस्या है। आयकर के आंकड़ों के अनुसार, मध्यम वर्ग की आय पिछले 10 वर्षों से लगभग 10.5 लाख रुपये प्रति वर्ष पर स्थिर है। महंगाई के कारण मध्यम वर्ग की आय वास्तव में आधी हो गई है। लोग बेहतर जीवन जीना चाहते हैं। लेकिन, महंगाई के कारण मध्यम वर्ग को बहुत अधिक कर्ज लेना पड़ा है।

घरेलू कर्ज का स्‍तर बड़ी च‍िंंता
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी घरेलू कर्ज के स्तर पर चिंता जताई है। RBI का कहना है कि समग्र घरेलू बचत पर कड़ी निगरानी रखने की जरूरत है, जो पिछले दशक के औसत स्तर से गिर गई है। बचत में सुधार के बावजूद घरेलू कर्ज लगातार बढ़ रहा है। यह वित्‍त वर्ष 2022-23 में GDP का 37.9% था, जो वित्‍त वर्ष 2023-24 में बढ़कर 41% हो गया। अनुमान है कि वित्‍त वर्ष 2024-25 के पहले भाग में यह 43.5% तक पहुंच गया है। इस कर्ज का लगभग 30% होम लोन है। लेकिन, गैर-आवास कर्ज में काफी बढ़ोतरी हुई है, जो वित्‍त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही तक जीडीपी का 32.3% तक पहुंच गया है।

भारत में पर्यटन बढ़ रहा है। ‘नेविगेटिंग होराइजन्स’ रिपोर्ट के अनुसार, भारत से बाहर जाने वाले पर्यटकों पर खर्च 2034 में बढ़कर 55.39 अरब डॉलर होने की उम्मीद है। यह रिपोर्ट नंगिया NXT और FICCI ने मिलकर तैयार की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि Gen Z पर्यटकों (लगभग 2000 के आसपास पैदा हुए लोग) की संख्या बढ़ने से आने वाले वर्षों में बुटीक और डिजाइन-आधारित होटलों में तेजी से ग्रोथ होगी। युवा पर्यटक भोजन और पेय पदार्थों पर काफी अधिक खर्च करते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय या शाकाहारी भोजन विकल्पों की उपलब्धता के साथ विशिष्ट पर्यटन के बारे में जागरूकता से विदेश यात्रा करने वाले भारतीयों की संख्या और फ्रीक्‍वेंसी बढ़ाने में मदद मिलेगी। डिस्पोजेबल आय में बढ़ोतरी, मध्यम वर्ग का विस्तार, वीजा प्राप्त करने में आसानी और अंतरराष्ट्रीय अनुभवों की इच्छा के साथ बाजार में पहले से ही मजबूत ग्रोथ देखी जा रही है। मिस्र, अजरबैजान और जॉर्जिया जैसे देश, जो अपने समृद्ध इतिहास, सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक सुंदरता और अनूठी स्थलाकृति के लिए जाने जाते हैं, अधिक से अधिक भारतीयों को विदेश यात्रा करने के लिए आकर्षित कर रहे हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे डेस्टिनेशन अक्सर अधिक किफायती भी होते हैं। शहरी और युवा आबादी बढ़ने के साथ अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों की खोज करने की प्रवृत्ति बढ़ने की उम्मीद है। इस प्रकार, जनसांख्यिकीय रुझान निकट भविष्य में बाहरी पर्यटन में बढ़ोतरी का समर्थन करते हैं।

लग्जरी सामान का बड़ा खरीदार
भारत में अब सिर्फ अमीर लोग ही लग्जरी सामान नहीं खरीदते हैं। डिस्पोजेबल आय में बढ़ोतरी, क्रेडिट तक आसान पहुंच और सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव के साथ मिडिल क्‍लास परिवार भी प्रीमियम लाइफस्‍टाइल अपना रहे हैं। चाहे वह कॉम्पैक्ट लग्जरी SUV में अपग्रेड करना हो, डिजाइनर फैशन में निवेश करना हो या हाई-टेक गैजेट्स चुनना हो, भारतीय तेजी से ऐसे अनुभव चाहते हैं जो विशिष्टता, गुणवत्ता और स्थिति को दर्शाते हों। युवा उपभोक्ता इस ट्रेंड को आगे बढ़ा रहे हैं, जो बुटीक फिटनेस, गेटेड सोसायटी और टिकाऊ उत्पादों में खुद पर निवेश करने को प्राथमिकता दे रहे हैं। जैसे-जैसे प्रीमियमाइजेशन बढ़ रहा है, इस पर न केवल ब्रांडों बल्कि नीति निर्माताओं को भी ध्यान देने की जरूरत है।

हाल के वर्षों में भारतीय रियल एस्टेट बाजार में उपभोक्ता प्राथमिकताओं में एक उल्लेखनीय बदलाव देखा गया है। नई पीढ़ी के मकान खरीदार, जो आकांक्षाओं और बदलती जीवनशैली से प्रेरित हैं, तेजी से लग्जरी मकानों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। इसमें कभी किफायती आवास खंड का दबदबा था। यह बदलाव शहरी निवासियों की बदलती प्राथमिकताओं और समग्र जीवन अनुभव की बढ़ती मांग को दर्शाता है। भारत का बढ़ता मध्यम और उच्च-मध्यम वर्ग इस ट्रेंड में सबसे आगे है। डिस्पोजेबल आय में बढ़ोतरी, आसान फाइनेंसिंग तक पहुंच और वैश्विक प्रदर्शन ने आकांक्षाओं को फिर से परिभाषित किया है।

आज मकान खरीदार आराम, सुविधा और स्टेटस सिंबल को महत्व देते हैं, जो सभी लग्जरी टाउनशिप देने का वादा करते हैं। मिलेनियल्स, विशेष रूप से, इस बदलाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनकी प्राथमिकता मात्रा से अधिक गुणवत्ता की ओर है, जो प्रीमियम सुविधाओं, समकालीन डिजाइनों और टिकाऊ जीवन समाधानों पर जोर देती है।

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