ऐ खून के प्यासे बात सुनो… इमरान प्रतापगढ़ी को इंस्‍टाग्राम पोस्‍ट पर SC से राहत, गुजरात में दर्ज केस रद्द

प्रतापगढ़:

कांग्रेस के राज्‍यसभा सदस्‍य इमरान प्रतापगढ़ी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है। शीर्ष अदालत ने इमरान प्रतापगढ़ी के खिलाफ गुजरात पुलिस की तरफ से दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया। यह एफआईआर उनके इंस्टाग्राम पोस्ट ‘ऐ खून के प्यासे बात सुनो’ को लेकर दर्ज किया गया था। अदालत ने अपने फैसले में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और विचारों की अभिव्यक्ति के महत्व पर जोर दिया।

इमरान प्रतापगढ़ी ने सोशल मीडिया पर कविता पोस्ट की थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इमरान की कविता में कोई विवादित बात नहीं है। कोर्ट ने कहा कि भले ही बहुत से लोग किसी दूसरे के विचारों को नापसंद करते हों, लेकिन विचारों को व्यक्त करने के व्यक्ति के अधिकार का सम्मान और संरक्षण किया जाना चाहिए। कविता, नाटक, फ़िल्म, व्यंग्य और कला सहित साहित्य मनुष्य के जीवन को और अधिक सार्थक बनाता है।

46 सेकेंड के वीडियो पर विवाद
एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि इमरान प्रतापगढ़ी ने 29 दिसंबर को अपने एक्स हैंडल पर कविता का 46 सेकंड का वीडियो क्लिप पोस्ट किया था, जिसमें पृष्ठभूमि में ‘ऐ खून के प्यासे बात सुनो’ गीत बज रहा था। इमरान प्रतापगढ़ी ने जामनगर में आयोजित सामूहिक लगन समारोह में शिरकत करने के बाद यह सोशल मीडिया पोस्‍ट की थी।

क्‍या था वीडियो में
इमराने प्रतापगढ़ी के इस वीडियो क्लिप में दिखाया गया है कि जब वह हाथ हिलाते हुए चल रहे थे तो उन पर फूलों की पंखुड़ियां बरसाई जा रही थीं और पृष्ठभूमि में एक गाना बज रहा था। प्रतापगढ़ी ने प्राथमिकी रद्द करने के लिए दाखिल याचिका में दावा किया कि पृष्ठभूमि में पढ़ी जा रही कविता प्रेम और अहिंसा का संदेश देती है।

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