भूकंप के भीषण झटकों से कांपे म्यांमार और थाइलैंड, रिक्टर स्केल पर 7.2 मापी गई है तीव्रता, दिल्‍ली-NCR तक असर, वीडियो

नेपीडा:

भारत के पड़ोसी देश म्यांमार में भूकंप के खतरनाक झटके महसूस किए गये हैं। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक म्यांमार में रिक्टर पैमाने पर 7.2 तीव्रता का भूकंप आया है। भूकंप के ये झटके कितने तेज हैं, इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसके असर दिल्ली-एनसीआर तक महसूस किए गये हैं। जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (GFZ) ने कहा है कि म्यांमार में 6.9 तीव्रता का भूकंप आया है। जबकि भूकंप के झटकों के बाद थाई राजधानी बैंकॉक में सैकड़ों लोग इमारतों से बाहर निकल आए हैं। भूकंप के बाद हुए नुकसान के बारे में म्यांमार की ओर से तत्काल कोई जानकारी नहीं दी गई है। GFZ ने बताया है कि भूकंप का केंद्र मंडाले शहर के पास था और इसकी तीव्रता 10 किलोमीटर (6.21 मील) की गहराई पर थी।

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म्यांमार के अलावा बैंकॉक में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गये हैं। हालांकि फिलहाल नुकसान या हताहतों की तत्काल कोई रिपोर्ट हमारे पास नहीं आई है। आपको बता दें कि ग्रेटर बैंकॉक क्षेत्र में करीब एक करोड़ 70 लाख लोग रहते हैं, जिनमें से ज्यादातर ऊंची इमारतों वाले अपार्टमेंट में रहते हैं। घनी आबादी वाले सेंट्रल बैंकॉक में भूकंप के बाद लोगों को भागकर सड़कों पर आते हुए देखा गया है। ऊंची इमारतों वाले कॉन्डोमिनियम और होटलों में मौजूद लोग बाहर निकल आए। रिपोर्ट के मुताबिक भूकंप इतना शक्तिशाली था कि झटकों के कारण ऊंची इमारतों में बने पूल से पानी बहने लगा। कई इमारतों को खाली कराया गया है, क्योंकि भूकंप के बाद उनमें जोरदार कंपन महसूस किए गये हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक भूकंप का केंद्र मध्य म्यांमार में था, जो मोनीवा शहर से लगभग 50 किलोमीटर पूर्व में है। म्यांमार में भूकंप के प्रभाव की तत्काल कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। देश पहले ही गृहयुद्ध में फंसा हुआ है और अगर भूकंप से तबाही मचती है तो हालात खतरनाक हो सकते हैं। बैंकाक में तो एक व‍िशाल इमारत गिर पड़ी। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।

धरती के अंदर सात टेक्टोनिक प्लेट्स हैं. ये प्लेट्स लगातार घूमती रहती हैं. जब ये प्लेट आपस में टकराती हैं, रगड़ती हैं. एक-दूसरे के ऊपर चढ़ती या उनसे दूर जाती हैं, तब जमीन हिलने लगती है. इसे ही भूकंप कहते हैं. भूकंप को नापने के लिए रिक्टर पैमाने का इस्तेमाल करते हैं. जिसे रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल कहते हैं.

रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल 1 से 9 तक होती है. भूकंप की तीव्रता को उसके केंद्र यानी एपिसेंटर से नापा जाता है. यानी उस केंद्र से निकलने वाली ऊर्जा को इसी स्केल पर मापा जाता है. 1 यानी कम तीव्रता की ऊर्जा निकल रही है. 9 यानी सबसे ज्यादा. बेहद भयावह और तबाही वाली लहर. ये दूर जाते-जाते कमजोर होती जाती हैं. अगर रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 7 दिखती है तो उसके आसपास के 40 किलोमीटर के दायरे में तेज झटका होता है.

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