बीएचईएल का उत्पादन 4200 करोड़ पार, रचा इतिहास, ट्रांसफार्मर ब्लॉक नंबर—1 तो ईएम नंबर—2 पर

— ट्रेक्शन, स्विचगियर और हाइड्रो ने भी दिखाया दम

केसी दुबे, भोपाल

भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड भेल भोपाल यूनिट ने सभी यूनिटों को मात देते हुए अपना पहला स्थान बनाए रखा है। इस बार ईडी एमएस रामनाथन ने करीब 4200 करोड़ से ज्यादा का टर्न ओवर और करीब 4400 करोड़ का कैश कलेक्शन कर रिकार्ड बनाया है। यही नहीं ट्रांसफार्मर विभाग ने 30 हजार एमवीए की केपिसिटी से ज्यादा काम कर दिखाया है जो हमेशा याद रखा जाएगा। इसी विभाग ने अपने सारे रिकार्ड तोड़ते हुए भोपाल यूनिट ने करीब 1250 करोड़ से ज्यादा का टर्न ओवर बनाने का भी इतिहास रचा है। यही नहीं इस विभाग ने 1500 करोड़ से ज्यादा का कैश कलेक्शन करने का रिकार्ड बनाने से भी नहीं चूका है। यह भी अपने आप में एक रिकार्ड है कि कैश कलेक्शन इस यूनिट में 4400 करोड़ से ज्यादा का किया है।

जहां टीसीबी ने 1250 करोड़ से ज्यादा का उत्पादन किया है तो वहीं इलेक्ट्रिकल्स मोटर ब्लॉक में करीब 800 करोड़ का टर्न ओवर भी किया है। इसी तरह ट्रेक्शन मोटर 650 करोड़, स्विचगियर 600 करोड़, हाईड्रो—600 करोड़, थर्मल—200 करोड़ और फीडर्स ने करीब 100 करोड़ का टर्न ओवर कर दिखाया है। यह आंकडे अनुमानित हैं। भेल प्रवक्ता ने आंकडों की पुुष्टि नहीं की है। बल्कि दिल्ली कॉरपोरेट का हवाला देकर कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। यह सब आंकड़े सूत्रों के मुताबिक हैं। भेल भोपाल यूनिट ने ऐतिहासिक काम किए हैं जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।

इस वित्तीय वर्ष 2024—25 में भेल दिल्ली कॉरपोरेट द्वारा दिए गए रिवाइज टारगेट से ज्यादा काम कर दिखाया। वहीं कैश कलेक्शन में भी बाजी मारी। हालांकि भोपाल ईडी रामनाथन का प्रमोशन कर उन्हें दिल्ली कॉरपोरेट में डायरेक्टर बना दिया गया है वह दिल्ली और भोपाल यूनिट दोनों का काम देख रहे हैं। नए मुखिया के लिए जीएम हेड तो बना दिया है, लेकिन वह कब इस यूनिट का काम संभालेंगे इसका सभी को इंतजार है। इधर यह भी कहा जा रहा है कि जिस ब्लॉक के अफसरों का बेहतर परफार्मेंस है उन्हें जून—2025 में होने वाले प्रमोशनों में प्राथमिकता दी जा सकती है और जिन्होंने बेहतर परफार्मेंस नहीं किया है उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।

ट्रांसफार्मर ब्लॉक में 30 हजार एमवीए से ज्यादा के ट्रांसफार्मर बनाकर इतिहास रचा
भोपाल यूनिट में टीसीबी ब्लॉक यानि ट्रांसफार्मर का रिकार्ड रहा है कि वे 30 हजार एमवीए से ज्यादा का काम नहीं कर सकता। सालों से इंतजार था कि वह घड़ी कब आएगी जब इस यूनिट का यह ब्लॉक 30 हजार एमवीए के ट्रांसफार्मर बनाकर एक इतिहास रचेगा। वित्तीय वर्ष 2024—25 में ईडी एंड डायरेक्टर एमएस रामनाथन और इस ब्लॉक के महाप्रबंधक अविनाश चंद्रा ने कर दिखाया। सिर्फ इस ब्लॉक में 30 हजार एमवीए से ज्यादा केपिसिटी के ट्रांसफार्मर ही नहीं बनाए बल्कि करीब 1250 करोड़ से ज्यादा का टर्न ओवर और करीब 1500 करोड का कैश कलेक्शन कर दिखाया है। पूरी टीम की एकजुटता के चलते भोपाल यूनिट ने एक बड़ा कारनामा कर दिखाया है। सूत्र तो यह भी बताते हैं कि इस ब्लॉक में उत्पादन के अंतिम समय यानि 31 मार्च 2025 की देर रात तक करीब 3200 एमवीए के ट्रांसफार्मर बना डाले। देशभर में किसी भी प्राइवेट या सार्वजनिक उपक्रम कंपनी ने 30 हजार एमवीए तक ट्रांसफार्मर नहीं बनाए। इस यूनिट द्वारा इतने अधिक मात्रा में ट्रांसफार्मर बनाने का ही परिणाम है कि कस्टमर बेहद खुश है। इसके चलते कस्टमर ने अगले चार साल तक के आर्डर बुक कराए हैं। दूसरे स्पलायरों के मुकाबले यह आर्डर सबसे अधिक हैं। सूत्र बताते हैं कि इस वित्तीय वर्ष में करीब 100 ट्रांसफार्मर बनाए गए हैं। यह भी बताया जा रहा है कि भेल को पॉवर ग्रिड कारपोरेशन आफ इंडिया 70 फीसदी काम देता है।

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