वक्फ बिल पेश होने से पहले मोदी सरकार के लिए आई राहत भरी खबर, नीतीश-नायडू ने ऐसे टेंशन कर दी दूर

नई दिल्ली:

लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल को लेकर बीजेपी पूरे जोश में नजर आ रही। ऐसा इसलिए है क्योंकि बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन में शामिल सभी पार्टियां सरकार के साथ नजर आ रही हैं। वो वक्फ बिल पर सपोर्ट करते नजर आ रहे। सबसे ज्यादा चर्चा नीतीश कुमार की जेडीयू और चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी को लेकर थी। सभी के मन में सवाल था कि क्या वो वक्फ संशोधन बिल का सपोर्ट करेंगे? अब दोनों ही पार्टियों ने अपने पत्ते खोल दिए हैं। जेडीयू और टीडीपी ने वक्फ बिल के समर्थन का ऐलान कर दिया है। नीतीश कुमार की जेडीयू ने इस संबंध में लेटर जारी कर सरकार के सपोर्ट में आवाज बुलंद की है।

टीडीपी ने किया वक्फ बिल के समर्थन का ऐलान
चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी ने वक्फ (संशोधन) विधेयक को समर्थन देने का ऐलान किया है। इस विधेयक को लेकर कई दिनों से अटकलें लगाई जा रही थीं। कई विपक्षी पार्टियां और मुस्लिम संगठन इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह असंवैधानिक है और समुदाय के हितों के खिलाफ है। टीडीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम कुमार जैन ने कहा कि पूरा मुस्लिम समुदाय वक्फ संशोधन विधेयक के पेश होने का इंतजार कर रहा है। हमारी पार्टी इसका समर्थन करेगी।

जानिए टीडीपी के प्रवक्ता ने क्या कहा
टीडीपी प्रवक्ता ने कहा कि चंद्रबाबू नायडू ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि हम मुस्लिम समुदाय के हितों में काम करेंगे। बुधवार को विधेयक पेश किया जाएगा, तभी हम इस पर कोई टिप्पणी करेंगे। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि चंद्रबाबू नायडू मुसलमानों के पक्ष में हैं। पार्टी के इस रुख से साफ है कि TDP इस बिल को पास कराने में सरकार की मदद करेगी। बीजेपी के लिए टीडीपी का समर्थन बहुत महत्वपूर्ण है। लोकसभा में बीजेपी के पास बहुमत नहीं है। टीडीपी के समर्थन से बीजेपी को इस विधेयक को बजट सत्र में पास कराने में मदद मिलेगी।

नीतीश कुमार की जेडीयू भी बिल के सपोर्ट में
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू भी केंद्र और राज्य में बीजेपी की अहम सहयोगी है। जेडीयू ने मांग उठाई कि इस विधेयक को पिछली तारीख से लागू नहीं किया जाना चाहिए। जेडीयू ने उम्मीद जताई कि सरकार इस पर विचार करेगी। जेडीयू सांसद संजय झा ने एक बयान में कहा कि नीतीश कुमार पिछले 19 सालों से बिहार में काम कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने मुस्लिम समुदाय के लिए जो काम किया है, वह भी दिख रहा है। हमारी पार्टी ने कहा था कि इसे पिछली तारीख से लागू नहीं किया जाना चाहिए, और हमें उम्मीद है कि सरकार इस पर विचार करेगी। जब तक नीतीश कुमार राजनीति में हैं, लोगों के हितों की रक्षा की जाएगी।

जेडीयू ने MPs के लिए जारी किया 3 लाइन व्हिप
हालांकि, लोकसभा में वक्फ बिल आने से पहले ही जेडीयू नेतृत्व ने अपना स्टैंड क्लीयर कर दिया। जेडीयू ने तीन लाइन व्हिप जारी करते हुए अपने सांसदों से 2 अप्रैल को लोकसभा में उपस्थित रहने और सरकार के स्टैंड का सपोर्ट करने के निर्देश दिए हैं। जेडीयू के स्टैंड क्लीयर करते ही बीजेपी ने राहत की सांस ली है। उधर बिहार में बीजेपी की एक और सहयोगी चिराग पासवान की एलजेपी (रामविलास) भी इस बिल पर केंद्र के साथ नजर आ रही है। पार्टी की ओर से 3 लाइन का व्हिप जारी किया गया है, जिसमें सरकार के स्टैड का सपोर्ट करने की बात कही गई है।

बीजेपी ने बिल को लेकर क्या कहा
वक्फ (संशोधन) विधेयक को ‘एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास (UMEED) विधेयक’ भी कहा जा रहा है। यह विधेयक पिछले साल अगस्त में लोकसभा में पेश किया गया था, जहां चर्चा के बाद इसे जेपीसी को भेज दिया गया। अब संशोधनों के बाद केंद्र सरकार इसे फिर लोकसभा में पेश करने जा रही है। इस विधेयक का मकसद वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में आने वाली दिक्कतों को दूर करना है। इसके लिए डिजिटलीकरण, बेहतर ऑडिट, पारदर्शिता और अवैध रूप से कब्जा की गई संपत्तियों को वापस लेने के लिए कानूनी उपाय किए जाएंगे। वक्फ संपत्ति का मतलब है, इस्लाम में दान की गई संपत्ति।

इस विधेयक से गरीब मुसलमानों को फायदा- रिजिजू
बीजेपी का कहना है कि इस विधेयक से गरीब मुसलमानों को फायदा होगा। पार्टी का मानना है कि वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन होने से मुसलमानों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी योजनाओं को चलाना आसान हो जाएगा। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि वक्फ (संशोधन) विधेयक पर लोकसभा में दो अप्रैल (बुधवार) को प्रश्नकाल के तुरंत बाद चर्चा होगी। यह चर्चा आठ घंटे तक चलेगी। उन्होंने कहा कि कुछ सदस्य छह घंटे चाहते थे, अन्य चार घंटे चाहते थे। हालांकि, विपक्ष ने चर्चा के लिए 12 घंटे की मांग की, लेकिन विधेयक पर आठ घंटे की लंबी चर्चा पर व्यापक सहमति बनी। इसका मतलब है कि इस बिल पर संसद में लंबी बहस होगी।

सरकार ने मानी नीतीश की सभी मांगें
नीतीश कुमार चाहते थे कि जमीन राज्य का मामला है, वक्फ की जमीन को लेकर राज्य सरकार का अधिकार क्षेत्र बना रहे. वक्फ बिल में ये बात मान ली गई है. नीतीश कुमार चाहते थे कि नया कानून पुरानी तारीख से लागू ना हो, पुरानी मस्जिदों, दरगाह या अन्य मुस्लिम धार्मिक स्थानों से छेड़छाड़ ना हो, ये बात भी बिल में मानी गई है. साथ ही वक्फ की संपत्ति है या नहीं ये तय करने के लिए राज्य सरकार कलेक्टर रैंक से ऊपर के अधिकारी को नियुक्त कर सके. इस मांग को भी मान लिया गया है. यानी मुफ्ती हों या मौलाना हों या फिर विपक्ष के दांव पेच हो, फिलहाल वक्फ संशोधन बिल को लेकर मोदी के समर्थन का जो हाथ नीतीश कुमार ने पकड़ा, उसे कोई हिला या डिगा नहीं पा रहा है.

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