नई दिल्ली,
वक्फ संशोधन बिल अब कानून बन गया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस विधेयक को मंजूरी दे दी है. वहीं, इसके विरोध में समस्त केरल जमीयतुल उलेमा ने सुप्रीम कोर्ट मे याचिका दाखिल की है. वक्फ बिल के कानून बनने के बाद ये पहली याचिका है. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया है कि वक्फ संशोधन अधिनियम का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के बड़े हिस्से को सरकारी संपत्ति में बदलना है.
याचिका में इस कानून को अनुच्छेद 26 के तहत संरक्षित मौलिक अधिकार का उल्लंघन बताते हुए कहा गया है कि इस कानून के लागू होने से मुस्लिम समुदाय वक्फ संपत्तियों से वंचित हो जाएगा. मुस्लिम अपनी पसंद के अनुसार वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन करने का अपना अधिकार खो देंगे. वहीं, जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने भी वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की.