नई दिल्ली:
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ पर दुनिया के कई देशों ने एक्शन दिखाना शुरू कर दिया है। चीन के बाद अब यूरोप ने भी जवाब कार्रवाई की है। दरसअल, यूरोपीय संघ (EU) अमेरिका के खिलाफ जवाबी शुल्क लगाने की तैयारी कर रहा है। इससे EU, कनाडा और चीन के साथ मिलकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लगाए शुल्कों का विरोध करेगा। ईयू ने अमेरिका से आने वाले सामानों पर करीब 28 बिलियन डॉलर का टैक्स लगा दिया है।
27 देशों के इस समूह को स्टील और एल्यूमीनियम पर 25% का आयात शुल्क देना होगा। साथ ही लगभग सभी अन्य सामानों पर बुधवार से 20% का पारस्परिक शुल्क यानी रेसिप्रोकल टैरिफ भी लगेगा। राष्ट्रपति ट्रंप के शुल्क EU से होने वाले लगभग 70% निर्यात को कवर करते हैं। पिछले साल यह निर्यात 532 बिलियन यूरो (585 बिलियन डॉलर) का था। अभी तांबा, दवाइयां, सेमीकंडक्टर और लकड़ी पर भी शुल्क लगने की संभावना है।
जैसे को तैसा
जब ट्रंप ने मार्च में स्टील और एल्यूमीनियम के आयात पर 25% शुल्क लगाया, तो EU ने ‘जैसे को तैसा’ वाली नीति अपनाने का फैसला किया।एक वरिष्ठ ईयू अधिकारी ने कहा, ‘हम उन क्षेत्रों में प्रतिक्रिया देंगे जहां अमेरिका को दर्द होता है।’ अधिकारियों ने पहले कहा था कि ईयू उन अमेरिकी राज्यों से आने वाले सामानों को निशाना बनाएगा जो राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हैं। इसमें लुइसियाना में उत्पादित सोयाबीन भी शामिल है। लुइसियाना अमेरिकी स्पीकर माइक जॉनसन का गृह राज्य है, जो कांग्रेस में ट्रंप के एजेंडे को आगे बढ़ाते हैं।
क्या से क्या हो गया…
यह सब तब हो रहा है, जब ट्रंप नजदीकी एलन मस्क ने इटली लीग के नेता माटेओ साल्विनी को शनिवार को बताया कि उन्हें उम्मीद है कि भविष्य में अमेरिका और यूरोप ‘एक बहुत ही करीबी, मजबूत साझेदारी’ बना सकते हैं और ‘जीरो टैरिफ जोन’ तक पहुंच सकते हैं।मस्क ने फ्लोरेंस में लीग के कांग्रेस के दौरान एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में साल्विनी से बात की। साल्विनी दूर-दक्षिणपंथी, अप्रवासी विरोधी लीग पार्टी के नेता हैं और इतालवी रूढ़िवादी सरकार के उप प्रधानमंत्री हैं, जिसका नेतृत्व प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी कर रही हैं।