पटना/अहमदाबाद:
बिहार में इस साल के आखिर में विधानसभा का चुनाव होना है। चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी राज्य में सक्रीय है। कन्हैया कुमार बिहार में यात्रा निकाल रहे हैं। इस यात्रा में कांग्रेस से पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल हुए। राहुल गांधी भी बिहार में बार-बार दौरा कर रहे हैं। इस बीच जानकारी सामने आई है कि कांग्रेस पार्टी बिहार चुनाव में बीजेपी को घेरने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘घर’ यानी गुजरात में रणनीति बनाएगी। दरअसल कांग्रेस पार्टी 64 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद गुजरात में एक बड़ा अधिवेशन का आयोजन करने जा रही है। यह ऐतिहासिक बैठक 9 अप्रैल 2025 को अहमदाबाद में आयोजित होगी, जिसमें पार्टी संगठन को मजबूत करने, पदाधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने और आगामी चुनावों की रणनीति बनाने पर चर्चा की जाएगी।
अधिवेशन से पहले 8 अप्रैल को अहम बैठक
इस अधिवेशन से एक दिन पहले, 8 अप्रैल को सरदार पटेल मेमोरियल सभागार में एक अहम बैठक होगी, जिसमें अधिवेशन के एजेंडे को अंतिम रूप दिया जाएगा। इसके अगले दिन अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) की बैठक साबरमती नदी के किनारे, साबरमती और कोचरब आश्रम के बीच होगी। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने जानकारी दी कि कांग्रेस के 140 वर्षों के इतिहास में यह गुजरात में छठा अधिवेशन होगा। पिछली पांच बार यह बैठकें 1902, 1907, 1921, 1938 और 1961 में हुई थीं, जिनकी अध्यक्षता क्रमशः सुरेंद्र नाथ बनर्जी, रास बिहारी घोष, हकीम अजमल खान, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और नीलम संजीव रेड्डी ने की थी।
संगठनात्मक सुधारों और चुनावी रणनीति पर रहेगा ज़ोर
इस अधिवेशन के माध्यम से कांग्रेस पार्टी जिला कांग्रेस कमेटियों (DCC) को अधिक ताकत देने और संगठनात्मक स्तर पर मजबूती लाने की दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय लेने जा रही है। चुनावी तैयारियों की समीक्षा, रणनीति निर्माण और नेताओं की भूमिकाओं को स्पष्ट करना इस बैठक के अहम हिस्से होंगे।
कांग्रेस की निगाहें आगामी चुनावों पर
अधिवेशन ऐसे समय पर हो रहा है जब पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी है। कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनावों में अच्छे प्रदर्शन के बाद महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली में हार का सामना कर चुकी है, जिससे उसे बिहार चुनाव से बड़ी उम्मीदें हैं। इसके साथ ही, पार्टी 2026 में केरल और असम में सत्ता पाने की कोशिश करेगी और तमिलनाडु में द्रमुक के साथ गठबंधन बनाए रखेगी। पश्चिम बंगाल में संभावित गठबंधन पर अब तक कोई स्पष्ट फैसला नहीं हुआ है।