पाकिस्‍तान नहीं झेल पाया झटका, रोकनी पड़ गई ट्रेडिंग, भारत के मुकाबले कितना बहा ‘खून’?

नई दिल्‍ली:

पाकिस्तान के शेयर बाजार में सोमवार को भारी गिरावट आई। वैश्विक बाजारों में गिरावट के कारण ऐसा हुआ। कराची स्‍टॉक एक्‍सचेंज (KSE) में 6% यानी 7,200 से ज्यादा पॉइंट की गिरावट आई। इस वजह से इंडेक्स में ट्रेडिंग रोक दी गई। दुनियाभर में हो रही बिकवाली के कारण बाजार को 45 मिनट के लिए रोकना पड़ा। हालांकि, बाद में बाजार थोड़ा संभला। विश्लेषकों का मानना है कि वैश्विक मंदी की आशंका के कारण यह गिरावट आई है। जापान और ताइवान में भी ट्रेडिंग को रोकना पड़ा था। यूरोप में भी शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई।

पाकिस्तान के शेयर बाजार (KSE) में सोमवार को बड़ी गिरावट आई। यह गिरावट 6% रही, जो 7,200 पॉइंट्स से ज्यादा थी। दुनिया भर के बाजारों में गिरावट के चलते ऐसा हुआ। इस वजह से शेयर बाजार में ट्रेडिंग को रोकना पड़ा।

दरअसल, अमेरिका ने दूसरे देशों से व्यापार पर नए टैक्स लगाए हैं। इससे दुनिया भर के बाजारों में गिरावट आई है। हालांकि, पिछले हफ्ते पाकिस्तान ने घरेलू और औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दरों में कटौती की थी। इससे बाजार में थोड़ी तेजी आई थी।

क्‍यों रोक दी गई ट्रेडि‍ंंग?
बाजार में जब बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव होता है तो PSX ट्रेडिंग को रोक देता है। ऐसा निवेशकों को घबराहट में शेयर बेचने से रोकने के लिए किया जाता है। इसे ऑटोमैटिक सर्किट ब्रेकर कहते हैं। इससे निवेशकों को स्थिति को समझने का मौका मिल जाता है। ट्रेडिंग को 45-60 मिनट के लिए रोका गया और फिर दोपहर 1:03 बजे दोबारा शुरू किया गया।

PSX के अनुसार, KSE-30 इंडेक्स में पिछले दिन के मुकाबले 5% की गिरावट आने पर ट्रेडिंग रोक दी जाती है। इसके बाद सभी पुराने ऑर्डर्स रद्द कर दिए जाते हैं। PSX का कहना है कि बाजार को ठंडा करने के बाद ट्रेडिंग फिर से शुरू की जाती है।

जापान और ताइवान में भी रोकी गई ट्रेड‍िंंग
चेज सिक्योरिटीज के डायरेक्टर यूसुफ एम फारूक का कहना है कि वैश्विक मंदी का असर पूरी दुनिया के बाजारों पर पड़ रहा है। पाकिस्तान अकेला ऐसा एशियाई बाजार नहीं था जहां ट्रेडिंग को रोकना पड़ा। जापान और ताइवान में भी निवेशकों को घबराहट में शेयर बेचने से रोकने के लिए ट्रेडिंग को कुछ समय के लिए रोकना पड़ा। निवेशकों को डर है कि मंदी के कारण अमेरिका में ब्याज दरें मई में ही कम हो सकती हैं। सोमवार को दूसरे एशियाई बाजारों में भी भारी गिरावट आई। कुछ में तो 9% तक की गिरावट देखी गई।

यूरोप में भी निवेशकों का भरोसा कमजोर हुआ है। यूरोपीय शेयर बाजार 16 महीने के निचले स्तर पर आ गए। निवेशकों को लग रहा है कि मंदी आ सकती है। पैन-यूरोपीय STOXX 600 में 5.8% की गिरावट आई, जो कोरोना महामारी के बाद सबसे बड़ी गिरावट है।

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, जर्मनी के ऑनलाइन ब्रोकर ट्रेड रिपब्लिक ने कहा कि बाजार में भारी उतार-चढ़ाव के कारण कुछ यूजर्स को तकनीकी समस्या हुई, लेकिन इसे ठीक कर लिया गया है। अमेरिका के शेयर बाजार में भी 8% की गिरावट का अनुमान है। इससे निवेशकों में और डर बढ़ गया है।

भारी ग‍िरावट के साथ बंद हुआ सेंसेक्‍स
भारत में भी शेयर बाजार में भारी बिकवाली देखने को मिली। बंबई शेयर बाजार (बीएसई) का 30 शेयरों वाला सेंसेक्‍स सोमवार को 2226.79 अंक यानी 2.95 फीसदी भरभराकर 73137.90 अंक पर बंद हुआ। एक समय यह 71,425.01 अंक के निचले स्‍तर पर पहुंच गया था। हिंदुस्‍तान यूनिलीवर को छोड़कर सेंसेक्‍स का कोई भी शेयर बढ़त ले पाने में कामयाब नहीं हुआ। नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज का निफ्टी भी 742.85 अंक यानी 3.24 फीसदी लुढ़ककर 22161.60 अंक पर बंद हुआ।

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