नई दिल्ली:
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दुनियाभर में टैरिफ लगाने के बाद मार्केट में भूचाल आ गया है। भारत समेत लगभग हर देश की स्टॉक मार्केट धड़ाम हो गई। बात अगर भारत की करें तो यहां सेंसेक्स में 3000 से ज्यादा और निफ्टी में 900 अंक से ज्यादा की गिरावट आई। वहीं ट्रंप ने टैरिफ को लेकर एक बार फिर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि रेसिप्रोकल टैरिफ एक ‘खूबसूरत चीज’ है। उन्होंने आगे कहा कि अमेरिकियों को यह बात ‘किसी दिन’ समझ जरूर आएगी। वहीं ट्रंप की इस खूबसूरत चीज यानी टैरिफ के कारण सोमवार को भारतीय शेयर मार्केट के निवेशकों को 19 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो गया।
क्या कहा ट्रंप ने?
ट्रंप का यह बयान ऐसे समय में आया है जब दुनिया भर के शेयर बाजारों में भारी गिरावट आई है। सोमवार को जब बाजार खुले तो नुकसान और बढ़ने की आशंका थी। इस बीच ट्रंप के सहयोगियों ने निवेशकों को शांत करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि 50 से अधिक देशों ने टैरिफ हटाने के लिए बातचीत शुरू करने में रुचि दिखाई है।
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा कि अमेरिका को चीन, यूरोपीय संघ और कई अन्य देशों के साथ भारी वित्तीय घाटा है। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति बाइडेन पर सरप्लस बढ़ाने का आरोप लगाया।
टैरिफ को बताया समस्या का समाधान
उन्होंने आगे कहा, ‘चीन, यूरोपीय संघ और कई अन्य देशों के साथ हमारा भारी वित्तीय घाटा है। इस समस्या को ठीक करने का एकमात्र तरीका टैरिफ है। इससे अमेरिका में अरबों डॉलर आ रहे हैं। यह पहले से ही लागू है और देखने में बहुत खूबसूरत है।’
ट्रंप ने यह भी कहा, ‘पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन के कार्यकाल के दौरान इन देशों के साथ सरप्लस बढ़ा है, हम इसे उलट देंगे और जल्दी से उलट देंगे। किसी दिन लोगों को एहसास होगा कि अमेरिका के लिए टैरिफ एक बहुत ही खूबसूरत चीज है!’
2 अप्रैल को की थी टैरिफ की घोषणा
ट्रंप ने 2 अप्रैल को अमेरिकी व्यापार संबंधों को सुधारने और घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कई टैरिफ लगाए। 2 अप्रैल को लिबरेशन डे कहा गया। इस दिन अमेरिका में आने वाले सभी सामानों पर टैरिफ लगा दिया था। 57 खास ट्रेडिंग पार्टनर्स के लिए यह दर काफी ज्यादा थी। इनमें चीन, कनाडा और मैक्सिको जैसे देश शामिल थे।
एक्सपर्ट्स ने उठाए सवाल
ट्रंप के इस टैरिफ को लेकर कई जानकारों ने सवाल उठाए हैं। इनका कहना है कि टैरिफ से कंज्यूमर के लिए कीमतें बढ़ सकती हैं। इम्पोर्ट पर निर्भर उद्योगों में नौकरियां जा सकती हैं। साथ ही अमेरिका के जो खास ट्रेडिंग पार्टनर हैं, उनके साथ रिश्ते खराब हो सकते हैं। कुछ इकोनॉमिस्ट्स ने चेतावनी दी है कि कंज्यूमर का भरोसा कम होने और प्रोडक्शन कॉस्ट बढ़ने से मंदी आ सकती है।
भारत को लाखों करोड़ का नुकसान
ट्रंप की इस खूबसूरत चीज यानी टैरिफ के कारण सोमवार को भारतीय शेयर मार्केट में जबरदस्त गिरावट आई। मार्केट खुलने के कुछ ही देर में निवेशकों के 19 लाख करोड़ रुपये डूब गए। इस गिरावट से बीएसई में लिस्टेड सभी कंपनियों का मार्केट कैप 19.4 लाख करोड़ रुपये घटकर 383.95 लाख करोड़ रुपये रह गया। लगभग सभी सेक्टर में गिरावट देखने को मिली है। साथ ही कई बड़ी-बड़ी कंपनियों के शेयर अपने 52 हफ्ते के लो पर आ गए।